गडकरी ने मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की वकालत की |

गडकरी ने मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की वकालत की

गडकरी ने मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की वकालत की

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Modified Date: January 14, 2025 / 04:52 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 4:52 pm IST

नागपुर, 14 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को रक्षा क्षेत्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने तथा अनुसंधान एवं विकास के साथ दुनिया से आगे बढ़ने की वकालत की।

गडकरी यहां वायुसेना नगर में भारतीय वायुसेना की मुख्यालय रखरखाव कमान में नौवें सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर पूर्व सैनिकों को अद्वितीय सेवा और बलिदान के लिए श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त और सेवारत कार्मिक, उनके परिवार और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

इस अवसर पर कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग भी मौजूद थे, जहां पूर्व सैनिकों को उनकी सेवा के लिए सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें रक्षा क्षेत्र में मजबूत और आत्मनिर्भर बनना है तथा अनुसंधान एवं विकास के साथ दुनिया से आगे बढ़ना है।’’

उन्होंने कहा कि देश को शक्तिशाली बनने की जरूरत है, ताकि दुनिया में अन्याय न हो और दुनिया भर में शांति और सद्भाव कायम रहे, इसलिए तीनों सशस्त्र बलों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

गडकरी ने कहा, ‘‘हमारे सैनिकों ने देश के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया है। देश द्वारा लड़े गए सभी युद्धों में हमारे सैनिकों ने हमारे देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश सशस्त्र बलों द्वारा किए गए कार्यों को कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए देश की प्रतिबद्धता दोहराई और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में उनकी विरासत का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व सैनिक साहस, सेवा और बलिदान के प्रतीक हैं और उनकी विरासत हमेशा हमारे देश के भविष्य का मार्गदर्शन करेगी।’’

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस हर साल 14 जनवरी को सशस्त्र बलों के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा द्वारा प्रदान की गई सेवा की स्मृति में मनाया जाता है, जो 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे।

यह दिन पहली बार 2016 में मनाया गया था और तब से हर साल पूर्व सैनिकों के सम्मान में इस तरह के संवाद कार्यक्रमों के साथ इसे मनाया जाता है।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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