death toll rises to 31, hundreds stranded, road and rail connectivity cut

बांध के टूटने से आई बाढ़ ने मचाई तबाही, अब तक 31 की मौत, सैकड़ों लोग फंसे, 100 से ज्यादा ट्रेनें रद्द

नदी में बाढ़ आने की वजह से सैकड़ों वाहन और यात्री फंस गए हैं...

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 PM IST
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Published Date: November 21, 2021 10:27 pm IST

अमरावती। आंध्र प्रदेश में पेन्ना नदी में बाढ़ आने की वजह से सैकड़ों वाहन और यात्री फंस गए हैं, अहम राजमार्गों पर यातायात बंद कर दिया है और दक्षिणी हिस्से को देश के अन्य भागों से जोड़ने वाले रेल मार्ग के प्रभावित होने से 100 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।

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बाढ़ के पानी में से कुछ और शव मिले हैं। इसके बाद प्रदेश में अलग अलग जिलों में बारिश से संबंधित घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। आंध्र प्रदेश में चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग -16, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर और विजयवाड़ा के बीच यातायात के लिए कट गया और चेन्नई ग्रैंड ट्रंक रेल मार्ग भी कट गया है, जो देश के दक्षिणी और पूर्वी और उत्तरी भागों को जोड़ने के लिए अहम रेल मार्ग है।

दक्षिण मध्य रेलवे ने बताया कि नेल्लोर के पास पादुगुपाडु में रेल की पटरियों को हुए नुकसान के कारण 100 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 29 ट्रेनों के मार्गों में बदलाव किया गया है।

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चेयेरू नदी पर अन्नामय्या परियोजना के मिट्टी के बांध के टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ की वजह से अकेले कडप्पा जिले में, कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों एकड़ में फैली फसल नष्ट हो गई, मवेशी बह गए और गांवों में कई घर मलबे में तब्दील हो गए हैं।

कडप्पा शहर में, एक इमारत की दूसरी मंजिल पर फंसी एक महिला और उसके बच्चे को पुलिस और दमकल कर्मियों ने समय पर बचा लिया, जिसके कुछ समय बाद ही तीन मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई।

वेलिगल्लु जलाशय से निकलने वाले बाढ़ के पानी के कारण पापग्नि नदी पर बना एक पुल गिर गया, जिससे कडप्पा और अनंतपुरमू जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि एसपीएस नेल्लोर जिले के सोमसिला जलाशय से दो लाख क्यूसेक से अधिक बाढ़ का पानी बह गया है, जिससे सैलाब आ गया। बस सेवा बाधित होने से सैकड़ों यात्री नेल्लोर आरटीसी बस स्टॉप पर फंस गए हैं।

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मंडपल्ली और तोगुरुपेटा गांव के लोगों ने कहा, “यह प्रशासन के घोर कुप्रबंधन के अलावा कुछ नहीं है। क्या इतनी भारी बारिश होने पर उन्हें बाढ़ के बारे में पता नहीं था? हमें आने वाले खतरे के बारे में समय पर सचेत क्यों नहीं किया गया।” ग्रामीणों ने कहा कि कुछ दरियादिल स्वयंसेवकों के अलावा उनकी मदद के लिए प्रशासन नहीं आया।

तोगुरुपेटा गांव के एक निवासी ने कहा, “हमने अपना घर, मवेशी, सामान…सब कुछ खो दिया। हमारे कुछ ग्रामीणों की मौत हुई है। हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है।” स्थानीय देवी का मंदिर बरकरार है, जो अब असहाय ग्रामीणों के लिए एकमात्र आश्रय क्षेत्र में तब्दील हो गया है।

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मंडपल्ली में हृदय विदारक दृश्य सामने आया है। बाढ़ के कारण दो परिवार पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। इसमें सात लोगों की मौत हुई है। एक अन्य परिवार ने दो लोगों को खो दिया।

कडप्पा के जिला कलेक्टर विजया राम राजू ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस तरह की बड़ी आपदा का मुख्य कारण बांध का टूटना है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी करीब 600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है।

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