फिल्म उद्योग रचनात्मक संकट के दौर से गुजर रहा : करण जौहर |

फिल्म उद्योग रचनात्मक संकट के दौर से गुजर रहा : करण जौहर

फिल्म उद्योग रचनात्मक संकट के दौर से गुजर रहा : करण जौहर

:   Modified Date:  July 8, 2024 / 09:10 PM IST, Published Date : July 8, 2024/9:10 pm IST

मुंबई, आठ जुलाई (भाषा) फिल्म निर्माता करण जौहर का कहना है कि हिंदी सिनेमा में करीब 10 बेहतरीन अभिनेता हैं और वे (फिल्म की फीस के तौर पर) ‘‘सूरज, चांद और धरती’’ की मांग कर रहे हैं और उन्हें वह राशि दी जा रही है।

जौहर का मानना ​​है कि फिल्म उद्योग एक रचनात्मक संकट से गुजर रहा है।

पत्रकार फेय डिसूजा को उनके यूट्यूब चैनल के लिए दिए गए साक्षात्कार में जौहर ने विस्तार से हिंदी फिल्म उद्योग की समस्याओं पर बात की, जिसने बॉक्स ऑफिस पर पिछले छह महीने में बेहद खराब प्रदर्शन किया है।

जौहर ने कहा, ‘‘अभी, फिल्म उद्योग एक रचनात्मक संकट से गुजर रहा है। हम ऐसी स्थिति से गुजर रहे है, जहां हमें दर्शकों की संख्या और वास्तविकता बनाम अभिनेता पारिश्रमिक से जूझने के साथ ही स्टूडियो के अस्तित्व को बचाए रखने का प्रबंधन करना है।’’

‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ फिल्म के निर्देशक ने कहा कि वह फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद के ‘ध्वजवाहक’ नहीं हैं, जैसा कि मीडिया के एक खास वर्ग में उन्हें बताया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म निर्माण की लागत बढ़ गयी है। मुद्रास्फीति हुई है और फिर सितारों का पारिश्रमिक…हिन्दी सिनेमा में करीब 10 चलने वाले अभिनेता हैं और वे सब सूरज, चांद और धरती मांग रहे हैं तथा आप उन्हें देते हो। उसके बाद आप फिल्म के लिए धन देते हो, मार्केटिंग का खर्च और उसके बाद आपकी फिल्में उपयुक्त संख्या हासिल नहीं कर पाती।’’

भाषा

शफीक माधव

माधव

 

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