मुंबई, 30 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत के इस दावे को खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं।
दिल्ली में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल पर फडणवीस ने कहा कि सामान्य बैठकों को राजनीतिक रूप से नहीं देखा जाना चाहिए।
राउत ने भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर के बीच यहां हुई बातचीत के बाद टिप्पणी की।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता राउत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं।
राउत ने कहा कि हालांकि शिवसेना (उबाठा) के भीतर ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी के कुछ सदस्य भी ऐसी ही भावनाएं रख सकते हैं।
उनकी यह टिप्पणी बुधवार रात विधायक पराग अलवानी की बेटी के विवाह के मौके पर आयोजित प्रीतिभोज में ठाकरे के सहयोगी मिलिंद नार्वेकर एवं भाजपा के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बीच कुछ हंसी-मजाक वाली बातचीत के बाद आई है। प्रीतिभोज में ठाकरे भी मौजूद थे।
भाजपा नेता अलवानी मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र विले पार्ले से तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि ठाकरे के अलवानी के साथ अच्छे संबंध हैं।
समारोह में शामिल लोगों ने बताया कि नार्वेकर ने पाटिल से मजाक में कहा, ‘यह अच्छा है कि पत्रकार यहां नहीं हैं… अन्यथा, वे कहेंगे कि गठबंधन की बातचीत चल रही है।’
पाटिल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘यह एक स्वर्णिम क्षण होगा।’
राउत ने कहा, ‘पाटिल भाजपा की पुरानी पीढ़ी से हैं जो शिवसेना-भाजपा संबंधों के महत्व को समझते हैं। यह 25 वर्षों तक अच्छी तरह से काम करता रहा।’
राउत के दावों को खारिज करते हुए फडणवीस ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘किसी को भी इतना भोला नहीं होना चाहिए… लोग प्रीतिभोज में मिलें और गठबंधन बन जाए या दल करीब आ जाएं।’’
इस कार्यक्रम में सत्तारूढ़ महायुति के नेता भी शामिल हुए (जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की पार्टी राकांपा शामिल है)। फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर, शिवाजी साटम और सचिन खेडेकर सहित मनोरंजन उद्योग के लोग भी समारोह में शामिल हुए।
इससे पहले राउत ने कहा कि भाजपा में कई लोग पाटिल की ‘स्वर्णिम क्षण’ वाली भावनाओं को साझा करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे संदेह है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना कितने समय तक भाजपा के साथ रहेगी। हम ‘इंतजार करो और देखो’ की स्थिति में हैं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना (उबाठा) के नेता भी भाजपा के साथ गठबंधन की ऐसी भावना रखते हैं, राउत ने कहा, ‘हो सकता है। हम भाजपा के कुछ नेताओं की वजह से ‘एमवीए’ के साथ गए। आपने हमारी पार्टी को विभाजित कर दिया और एकनाथ शिंदे को वह दे दिया जिसकी हम मांग कर रहे थे।’
उन्होंने कहा, ‘हमने पहले भी कई बार इस तरह की चर्चा की है। हालांकि शिवसेना (उबाठा) में अभी तक ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।’
भाषा
शुभम अविनाश
अविनाश
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