अमरवाती, 14 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को कहा कि रोजगार सृजन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है और औद्योगिक नीतियां इसके अनुरूप ही होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग), खाद्य प्रसंस्करण और निजी औद्योगिक पार्क मसौदा नीतियों की समीक्षा करते हुए कहा कि नई नीतियां ऐसी हों, जिससे निवेशक और उद्योगपति आकर्षित हों ताकि ‘व्यापार बढ़ाने’ का मार्ग प्रशस्त हो।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक नायडू ने कहा, ‘‘रोजगार सृजन (राजग) गठबंधन सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है और औद्योगिक नीतियां इस उद्देश्य के अनुरूप होनी चाहिए।’’
मुख्यमंत्री के अनुसार, निजी औद्योगिक पार्क नीति पर कुछ और विचार-विमर्श की आवश्यकता है तथा अन्य तीन नीतियों को मंत्रिमंडल की अगली बैठक में भेजा जा सकता है।
नायडू ने विश्वास व्यक्त किया कि नई नीतियों में बड़े निवेश को आकर्षित करने की गुंजाइश है और इन्हें आठ विभागों के लिए तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने दक्षिणी राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के हिस्से के रूप में कहा कि औद्योगिक विकास नीति को लागू करने के तुरंत बाद निवेश करने के लिए आगे आने वाले निवेशकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मसौदा नीति में उन पहली 200 कंपनियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की बात कही गयी है, जो अपनी योजना और वाणिज्यिक उत्पादन की तारीख मुहैया कराएंगी।
नायडू ने कहा कि जो कंपनियां अधिक संख्या में रोजगार सृजन करेंगी, उन्हें 10 प्रतिशत अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई नीति ‘एक परिवार एक उद्योगपति’ की तर्ज पर होनी चाहिए।
नायडू ने कहा कि अमरावती में ‘इनोवेशन हब’ का नाम टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन दिवंगत रतन टाटा के नाम पर रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि रतन टाटा ‘इनोवेशन हब’ के राज्य के पांच क्षेत्रों में पांच उपग्रह केंद्र होंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रत्येक क्षेत्र में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी उनके (इनोवेशन हब) लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करे।
भाषा जितेंद्र धीरज
धीरज
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