पुणे, 20 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा प्रणाली को सीखने में बाधा नहीं बल्कि सुविधा प्रदाता की भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने बदलते समय के साथ तालमेल बिठाते हुए ‘हमारे बुनियादी मूल्यों’ पर कायम रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
यहां बानेर में लोकसेवा ई- स्कूल का उद्घाटन करने के बाद आरएसएस प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा कोई व्यवसाय नहीं है, बल्कि अच्छे इंसान बनाने का एक व्रत है।
उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा प्रणाली को सीखने में बाधा नहीं बल्कि सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करना चाहिए। इसे केवल नियामक के रूप में कार्य करने के बजाय छात्रों को सशक्त बनाने के साधन के रूप में कार्य करना चाहिए..।’’
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सराहना करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इसे भले ही हाल ही में पेश किया गया हो, लेकिन इस तरह की प्रणाली के लिए कई वर्षों से चर्चा की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा प्रणाली पूरी तरह लागू की जाएगी और यह देश को उसकी आकांक्षाओं के सपने की ओर ले जाएगी।
भाषा यासिर वैभव
वैभव
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