नागपुर, आठ जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने अरुण गवली को 28 दिन की फरलो दे दी है। वह शिवसेना के एक पार्षद की 2007 में हुई हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने मंगलवार को गवली की याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें फरलो पर रिहाई की मांग की गई थी।
गवली के वकील एमएन अली ने कहा कि आवेदन नागपुर (पूर्वी संभाग) के जेल उप महानिरीक्षक (डीआईजी) द्वारा खारिज कर दिया गया था जिसके बाद उसने उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ से अपनी रिहाई के लिये गुहार लगाई थी।
डीआईजी जेल ने गवली की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि गैंगस्टर की रिहाई से कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है।
हालांकि, गवली के वकील ने अदालत को बताया कि पूर्व में उसे फरलो पर छोड़े जाने से कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई थी।
गवली अखिल भारतीय सेना का संस्थापक है और 2004-2009 तक मुंबई की चिंचपोकली सीट से विधायक रहा है।
उसे 2007 में मुंबई में शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था और अगस्त 2012 में मुंबई की एक सत्र अदालत ने उसे हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
भाषा नोमान प्रशांत
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