मुंबई, दो दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने विवादास्पद पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर का हथियार लाइसेंस रद्द करने संबंधी पुणे पुलिस आयुक्त के आदेश को खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने 27 नवंबर को मामले को नए सिरे से विचार करने के लिए पुणे आयुक्त के पास यह गौर करते हुए भेजा था कि मनोरमा खेडकर को पहले भेजा गया नोटिस विधिवत तरीके से नहीं था।
मनोरमा खेडकर ने पुणे पुलिस आयुक्त द्वारा उनका हथियार लाइसेंस रद्द किए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। आयुक्त ने दो अगस्त को यह आदेश जारी किया था।
मनोरमा ने दावा किया कि उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि मनोरमा खेडकर को जारी किया गया नोटिस कानून के अनुसार उन्हें विधिवत तामील किया गया था जिसमें उन्हें यह बताने के लिए निर्देश दिया गया कि उनका शस्त्र लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘अतः, यह आदेश बरकरार नहीं रखा जा सकता।’’
मामला तब सामने आया जब एक वीडियो में धडवाली गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई बहस के दौरान उन्हें पिस्तौल लहराते हुए दिखाया गया। इस वीडियो के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और 18 जुलाई इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उनको रायगढ़ के हिरकानीवाड़ी गांव से उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
पुणे आयुक्त ने 23 जुलाई को प्राथमिकी का हवाला देते हुए खेडकर के हथियार लाइसेंस को रद्द करने का नोटिस जारी किया।
खेडकर को अगस्त में जमानत मिल गयी थी।
भाषा
प्रीति प्रशांत
प्रशांत
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