मुंबई, दो जुलाई (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को निलंबित करने का फैसला एकतरफा और पूर्व नियोजित साजिश है।
पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने कहा कि निलंबित करने से पहले दानवे को उनका पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया।
ठाकरे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख होने के नाते वह दानवे की टिप्पणी से यदि महिलाओं को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने पूछा कि सदन के बाहर ऐसी टिप्पणी करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा, “(दानवे के निलंबन संबंधी) प्रस्ताव पर चर्चा की जरूरत थी, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।”
उन्होंने कहा कि निलंबन विधान परिषद चुनावों में उनकी पार्टी की जीत (के प्रभाव) को फीका करने के लिए किया गया है। शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार अनिल परब और जगन्नाथ अभ्यंकर क्रमशः मुंबई स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी हुए।
ठाकरे ने कहा, “साजिश (दानवे के निलंबन की) पूर्व नियोजित थी”
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “आप (सरकार) जो भी करें वह लोकतंत्र है और हम (विपक्ष) जो भी करें वह अपराध है।”
उन्होंने कहा कि निलंबन ऐसे समय किया गया, जब विपक्ष ने राज्य के बजट का विश्लेषण करना शुरू किया है।
महाराष्ट्र विधान परिषद ने मंगलवार को सदन में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर दानवे को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
दानवे पर सोमवार शाम विधान परिषद में चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी विधायक प्रसाद लाड के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। लाड ने लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘हिंदू नहीं’ संबंधी टिप्पणी की निंदा करते हुए प्रस्ताव लाने की मांग की थी, जिस पर शिवसेना नेता ने तीखी प्रतिक्रिया की थी।
संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया।
भाषा
प्रशांत दिलीप
दिलीप
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