मुंबई, 13 दिसंबर (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा करोड़ों डॉलर के पीएनबी ‘घोटाले’ में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के आवेदन पर जारी नोटिस को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश एस.एम. मेंजोगे ने कहा कि नोटिस जारी करने का अदालती आदेश ‘‘गलत तथ्यों या गलत धारणाओं’’ पर आधारित नहीं था।
चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े कथित ऋण धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हैं।
अधिवक्ता विजय अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के माध्यम से दायर अपनी याचिका में चोकसी ने दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसी उन सबूतों और आधारों के बारे में अपनी दलीलें बदलती रही है जिनके आधार पर वह उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना चाहती है।
चोकसी के वकीलों ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के अनुरोध वाली अर्जी में ईडी ने दावा किया था कि वह जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में संदिग्ध परिस्थितियों में देश छोड़कर भाग गया था। लेकिन, बाद में दायर एक जवाब में एजेंसी ने दावा किया कि आरोपी को अनुमान था कि धोखाधड़ी का पर्दाफाश हो जाएगा और इसलिए उसने देश से भागने से पहले अपनी संपत्तियों का निपटान करने की कोशिश की।
ईडी की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर और कविता पाटिल ने दलील दी कि सभी प्रासंगिक दस्तावेज रिकॉर्ड में हैं और एजेंसी के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद दस्तावेजों के अवलोकन के बाद उन्हें ईडी के रुख में कोई बदलाव नहीं दिखा।
भाषा शफीक नेत्रपाल
नेत्रपाल
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)