अदालत ने सूजा और पद्मसी की कलाकृतियां लौटाने का आदेश दिया |

अदालत ने सूजा और पद्मसी की कलाकृतियां लौटाने का आदेश दिया

अदालत ने सूजा और पद्मसी की कलाकृतियां लौटाने का आदेश दिया

:   Modified Date:  October 25, 2024 / 03:55 PM IST, Published Date : October 25, 2024/3:55 pm IST

मुंबई, 25 अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीमा शुल्क विभाग को प्रसिद्ध कलाकारों एफ एन सूजा और अकबर पदमसी की कलाकृतियां लौटाने का आदेश दिया जिन्हें पिछले साल ‘अश्लील सामग्री’ होने के आधार पर जब्त कर लिया गया था।

न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की पीठ ने कलाकृति जब्त करने संबंधी सीमा शुल्क विभाग के सहायक आयुक्त (मुंबई) के जुलाई 2024 के आदेश को रद्द कर दिया। पीठ ने सीमा शुल्क अधिकारियों के कला के क्षेत्र में समझ या विशेषज्ञता नहीं होने के कारण वे कलाकृति और अश्लीलता के बीच अंतर करने में विफल रहे।

पीठ ने सीमा शुल्क विभाग के आदेश के खिलाफ शहर के व्यवसायी और कला पारखी मुस्तफा कराचीवाला की स्वामित्व वाली कंपनी बी के पोलीमेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।

अदालत ने जब्त की गई कलाकृति याचिकाकर्ता को तुरंत लौटाने को कहा।

इस सप्ताह की शुरुआत में पीठ ने विभाग को एक जुलाई, 2024 के विवादित आदेश के तहत जब्त कलाकृतियों को अगले आदेश तक नष्ट करने से रोक दिया था। याचिका में कहा गया है कि जब्त किए गए सामान प्रसिद्ध कलाकारों एफ एन सूजा और अकबर पदमसी की कलाकृतियां शामिल थीं, जिन्हें भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

अधिवक्ताओं श्रेयस श्रीवास्तव और श्रद्धा स्वरूप के जरिए दायर याचिका में सवाल उठाया गया था कि सीमा शुल्क विभाग उनकी कलाकृति को अश्लील कैसे मान सकता है।

याचिका में यह भी कहा गया था सीमा शुल्क अधिकारी कला के महत्व को समझने में विफल रहे और कला और अश्लीलता के बीच अंतर नहीं कर सके।

इसमें कहा गया था कि कलाकृतियों को जब्त करने का आदेश भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

भाषा अविनाश रंजन

रंजन

 

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