(तस्वीरों के साथ)
कोल्हापुर, पांच अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि संविधान की रक्षा के लिए आरक्षण की मौजूदा 50 प्रतिशत की सीमा को हटाना जरूरी है। गांधी ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन इस सीमा को हटाने को लेकर संसद में कानून पारित कराना सुनिश्चित करेगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘लोगों को भयभीत कर और देश के संविधान एवं संस्थानों को बर्बाद करके शिवाजी महाराज के समक्ष शीश झुकाने का कोई औचित्य नहीं है।’’
कोल्हापुर में आयोजित जनसभा को संविधान की प्रति के साथ संबोधित करते वक्त राहुल ने कहा कि यह शिवाजी के विचारों का प्रतीक है।
राहुल गांधी की एक महीने में पश्चिमी महाराष्ट्र की यह दूसरी यात्रा है। पिछले महीने उन्होंने दिवंगत कांग्रेस नेता पतंगराव कदम की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए सांगली का दौरा किया था। उनकी पार्टी ने 2014 और 2019 में हारने के बाद 2024 के आम चुनाव में क्रमशः शिवसेना और भाजपा से कोल्हापुर और सांगली लोकसभा सीट छीन लीं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यहां ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और दो दर्जन से अधिक विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन जाति आधारित गणना कराने के लिए कानून लाएगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि लोकसभा और राज्यसभा में जातिगत जनगणना पर कानून पारित हो और कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकेगी। संविधान की रक्षा के लिए 50 प्रतिशत की सीमा हटाना आवश्यक है।’’
राहुल गांधी ने कहा कि जब उनकी पार्टी जाति आधारित गणना की बात करती है, तो वह इसमें दो और पहलू जोड़ना चाहती है- पहला, प्रत्येक समुदाय की आबादी की पहचान करना और दूसरा, भारत की वित्तीय प्रणाली पर उनका कितना नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना से विभिन्न समुदायों की जनसंख्या संबंधी आंकड़े जुटाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी के लिए अवसरों के दरवाजे बंद किए जा रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि भारत का बजट 90 शीर्ष आईएएस अधिकारी तय करते हैं, और देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय कुल जनसंख्या का कम से कम 50 प्रतिशत है, लेकिन इन 90 अधिकारियों में से केवल तीन ओबीसी हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलितों और आदिवासियों की संख्या क्रमशः 15 प्रतिशत और आठ प्रतिशत है, लेकिन बजट तय करने वाले उन 90 आईएएस अधिकारियों में इन समुदायों से केवल क्रमशः तीन और एक अधिकारी हैं।
उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना विसंगतियों की पहचान करने के लिए ‘एक्स-रे’ करवाने जैसा है, लेकिन भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि ‘सच्चाई’ सामने आए।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूलों में दलितों या पिछड़े वर्गों का इतिहास नहीं पढ़ाया जा रहा है और अब उस इतिहास को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है और इसे ‘आरक्षण समाप्त करना’ कहा जाना चाहिए। उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर वर्षों से ऐसा करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने दावा किया कि सशस्त्र बलों में अग्निपथ योजना 90 प्रतिशत लोगों से पेंशन छीनने की एक चाल है।
रायबरेली सीट से कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘अग्निपथ योजना की हकीकत यह है कि भारतीय युवाओं की पेंशन, मुआवजा, कैंटीन की सुविधा और सम्मान उनसे छीन लिया गया है।’’
इससे पहले मराठा सम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण करने के आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा इसलिए गिरी, क्योंकि सत्ता में बैठे लोगों की मंशा और विचारधारा गलत थी।
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘लोगों को भयभीत करने तथा देश में संविधान और संस्थानों को बर्बाद करने के बाद शिवाजी महाराज के समक्ष शीश झुकाने का कोई औचित्य नहीं है। ’’
कांग्रेस नेता की टिप्पणी स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाकर की गई, जिन्होंने शिवाजी महाराज और उनकी प्रतिमा ढहने से आहत लोगों से माफी मांगी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 30 अगस्त को महाराष्ट्र दौरे के दौरान कहा था, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं। हमारे लिए वह हमारे आराध्य हैं। आज मैं उनके चरण में शीश रखकर अपने आराध्य से माफी मांगता हूं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने राजकोट किले में 35 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण चार दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था। यह प्रतिमा इस वर्ष 26 अगस्त को ढह गई थी।
गांधी ने कहा, ‘‘देश में दो विचारधाराएं हैं। एक वह जो संविधान की रक्षा करती है, समानता और एकता की बात करती है। यह शिवाजी महाराज की विचारधारा है। दूसरी विचारधारा वह है जो संविधान को बर्बाद करने पर तुली है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वे सुबह उठते हैं और योजना बनाते हैं कि कैसे शिवाजी महाराज के आदर्शों पर स्थापित संविधान को नष्ट किया जाए। वे देश की संस्थाओं पर हमले करते हैं, लोगों को डराते हैं और धमकाते हैं और फिर शिवाजी की मूर्ति के सामने शीश झुकाते हैं। इसका कोई औचित्य नहीं है। अगर आप शिवाजी की प्रतिमा के सामने प्रार्थना करते हैं, तो आपको संविधान की रक्षा करनी होगी।’’
उन्होंने कहा कि इरादे स्पष्ट हैं और उन्हें छिपाया नहीं जा सकता। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी ने) शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की, जो कुछ ही दिनों में गिर गई। उनके इरादे सही नहीं थे। प्रतिमा ने उन्हें संदेश दिया कि अगर आप शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करते हैं तो आपको उनके आदर्शों का पालन करना होगा। यही कारण है कि प्रतिमा गिर गई, क्योंकि उनकी विचारधारा गलत है।’’
उन्होंने कहा कि जब शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक होना था, तो इसी विचारधारा ने उनका राज्याभिषेक नहीं होने दिया। यह कोई नयी बात नहीं है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह वही विचारधारा है जिसके साथ शिवाजी महाराज लड़े थे। कांग्रेस उसी विचारधारा के साथ लड़ रही है जिसके साथ शिवाजी महाराज लड़े थे।’’
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी का दुनिया को संदेश था कि देश सबका है। संविधान उनके आदर्शों का प्रतीक है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘अगर छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक शाहू महाराज जैसे लोग नहीं होते, तो संविधान भी अस्तित्व में नहीं आता।’’
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने शनिवार सुबह कोल्हापुर पहुंचने पर गांधी का स्वागत किया, जिनमें पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले, पूर्व मंत्री बालासाहेब थोराट शामिल थे।
राहुल गांधी ने टैम्पो चालक अजित सांढी के साथ बातचीत की।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व के विचारक वी डी सावरकर पर राहुल की टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और उन्हें काले झंडे दिखाए।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
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