प्रधान न्यायाधीश को शिवसेना, राकांपा विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए : राउत |

प्रधान न्यायाधीश को शिवसेना, राकांपा विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए : राउत

प्रधान न्यायाधीश को शिवसेना, राकांपा विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई से अलग हो जाना चाहिए : राउत

:   Modified Date:  September 12, 2024 / 03:10 PM IST, Published Date : September 12, 2024/3:10 pm IST

मुंबई, 12 सितंबर (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को मांग की कि देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ शिवसेना और राकांपा विधायकों से संबंधित अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लें।

राज्यसभा सदस्य राउत ने यह मांग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा समारोह में शामिल होने को लेकर उठे विवाद के बीच की है।

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि जब ‘संविधान के रक्षक नेताओं से मिलते हैं’ तो लोगों के मन में संदेह पैदा होता है। उन्होंने कहा ‘भारत के प्रधान न्यायाधीश को खुद को मामलों की सुनवाई से अलग कर लेना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री के साथ उनके संबंध सामने आ चुके हैं। क्या वह हमें न्याय दे सकते हैं?’

उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना कानूनी विवाद में उलझी हुई है और बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन के बाद यह मामला उच्चतम न्यायालय में है।

राउत ने कहा, ‘हमारा मामला प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ के समक्ष है। हमें संदेह है कि क्या हमें न्याय मिलेगा या नहीं, क्योंकि केंद्र हमारे मामले में एक पक्ष है और (केंद्र) सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री कर रहे हैं।’

राउत ने दावा किया कि महाराष्ट्र में तीन साल से एक ‘अवैध सरकार’ सत्ता में है, जबकि भारत के प्रधान न्यायाधीश पद पर चंद्रचूड़ जैसे व्यक्ति हैं।

उन्होंने कहा, ‘सीजेआई ने कई बार कहा है कि सरकार असंवैधानिक है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक कोई फैसला नहीं दिया गया है, जबकि वह जल्दी ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इसके बीच, प्रधानमंत्री उनके आवास पर गए।’

प्रधानमंत्री मोदी गणेश उत्सव के अवसर पर बुधवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के आवास गए और पूजा-अर्चना की।

राउत ने आश्चर्य जताया कि क्या प्रधानमंत्री का चंद्रचूड़ के आवास पर जाना संवैधानिक मानदंडों और प्रोटोकॉल के अनुसार था।

उन्होंने दावा किया कि यह संदेह और मजबूत हो गया है कि ‘सरकार को बचाने या राकांपा और शिवसेना को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कुछ हो रहा है, और ऐसा करते समय न्यायपालिका की मदद ली जा रही है।’

शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में पिछले साल हुआ विभाजन का मामला भी उच्चतम न्यायालय में है।

भाषा अविनाश नरेश

नरेश

 

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