चतुर्वेदी ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े विधेयकों को मंजूरी देने की राष्ट्रपति से मांग की |

चतुर्वेदी ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े विधेयकों को मंजूरी देने की राष्ट्रपति से मांग की

चतुर्वेदी ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े विधेयकों को मंजूरी देने की राष्ट्रपति से मांग की

:   Modified Date:  August 19, 2024 / 05:15 PM IST, Published Date : August 19, 2024/5:15 pm IST

मुंबई, 19 अगस्त (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित उन दो विधेयकों को शीघ्र मंजूरी देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है, जिन्हें तीन साल पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने पारित किया था।

चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आज रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर मैंने राष्ट्रपति मुर्मू को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे उन विधेयकों को शीघ्र मंजूरी देने का अनुरोध किया है, जिन्हें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र विधानसभा में पारित किया गया था और तब से उनकी (मुर्मू) मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह रक्षाबंधन के अवसर पर राज्य और देश की महिलाओं के लिए सबसे उपयुक्त उपहार होगा।’’

दिसंबर 2021 में राज्य विधानसभा ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से जुड़े (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। इसमें बलात्कार के लिए मौत की सजा का प्रावधान है और महिलाओं पर तेजाब हमलों और बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामले में न्यूनतम सजा की अवधि बढ़ा दी गई है। इसमें शिकायत दर्ज होने के दिन से जांच पूरी करने के लिए 30 दिनों की समय सीमा भी तय की गई है।

चतुर्वेदी ने मुर्मू को लिखे पत्र में कहा, ‘‘आर.जी. कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुए बर्बर यौन उत्पीड़न और हत्या के बाद देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह मामला हमें 2012 के निर्भया मामले के बाद से एक और कड़ी चेतावनी देता है कि हम अभी भी कितना असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, मैं आपका ध्यान शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 और महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून, 2020 के कार्यान्वयन के लिए विशेष न्यायालय एवं तंत्र की ओर आकर्षित करना चाहती हूं, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, 2021 में महाराष्ट्र राज्य विधानसभा में व्यापक चर्चा और बहस के बाद दोनों सदनों में पारित किया गया था।’’

शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा कि यह विधेयक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक था क्योंकि इसमें महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई थी तथा कड़ी सजा व त्वरित अभियोजन का प्रावधान किया गया था, लेकिन तब से यह राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।

भाषा

शफीक माधव

माधव

 

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