आरक्षण, किसानों के मुद्दों के बीच भाजपा के लिए उत्तरी महाराष्ट्र पर पकड़ बनाए रखना चुनौती |

आरक्षण, किसानों के मुद्दों के बीच भाजपा के लिए उत्तरी महाराष्ट्र पर पकड़ बनाए रखना चुनौती

आरक्षण, किसानों के मुद्दों के बीच भाजपा के लिए उत्तरी महाराष्ट्र पर पकड़ बनाए रखना चुनौती

:   Modified Date:  October 23, 2024 / 07:52 PM IST, Published Date : October 23, 2024/7:52 pm IST

मुंबई, 23 अक्टूबर (भाषा) कृषि प्रधान उत्तर महाराष्ट्र क्षेत्र वर्षों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ रहा है लेकिन आगामी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक समीकरणों के बदलने से पार्टी के लिए इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ बनाए रखना एक चुनौती साबित हो सकता है।

उत्तर महाराष्ट्र में विधानसभा की 47 सीट हैं।

इस क्षेत्र में पांच जिले हैं, जिनमें धुले, नंदुरबार, जलगांव, नासिक और अहिल्यानगर जिला शामिल है। इनमें से कुछ जिलों की सीमा मध्यप्रदेश और गुजरात से लगती है।

भाजपा ने 2019 विधानसभा चुनावों में क्षेत्र की 47 में से 16 सीट पर जीत हासिल की थी। भाजपा के बाद अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 13, कांग्रेस ने सात, अविभाजित शिवसेना ने छह, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दो, निर्दलीयों ने दो और क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष ने एक सीट पर कब्जा जमाया था।

पिछले चुनाव के बाद से हालांकि बहुत कुछ बदल चुका है क्योंकि जून 2022 में शिवसेना और जुलाई 2023 में राकांपा का विभाजन हो गया था।

एकनाथ शिंदे व अजित पवार के नेतृत्व वाली शिवसेना और राकांपा अब भाजपा के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं।

इस वर्ष लोकसभा चुनावों में भाजपा इस क्षेत्र की 12 लोकसभा सीट में से चार सीट शिवसेना-उद्धव बाला साहेब ठाकरे, कांग्रेस और राकांपा-शरदचंद्र पवार के महा विकास आघाडी (एमवीए) से हार गई जबकि जलगांव और रावेर संसदीय सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने में कामयाब रही।

भाजपा को जिन चार सीट पर हार मिली उनमें धुले, डिंडोरी, नंदुरबार, अहिल्यानगर शामिल है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे।

राजनेताओं के अनुसार, किसानों का मुद्दा और आरक्षण को लेकर मराठा-अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) ध्रुवीकरण जैसे कारक इस क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजाराम पंगाव्हाने ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि 1999 में दिग्गज नेता शरद पवार के पार्टी छोड़ने और राकांपा के गठन के बाद विभाजन से उनकी पार्टी नासिक क्षेत्र में कमजोर हुई है।

उन्होंने कहा, “हम नासिक क्षेत्र में किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इस बार मुकाबला शिवसेना (यूबीटी)-राकांपा (शरदचंद्र पवार) बनाम भाजपा के बीच होगा। लेकिन कांग्रेस नंदुरबार, धुले और अहिल्यानगर में चुनाव लड़ेगी।”

पंगाव्हाणे ने कहा कि महंगाई, भ्रष्टाचार, मराठा-ओबीसी टकराव महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। जलगांव के एक प्रमुख नेता और राकांपा-शरदचंद्र पवार गुट में शामिल एकनाथ खडसे ने कहा कि भाजपा को उत्तर महाराष्ट्र में अन्य दलों के मुकाबले बढ़त हासिल है।

उन्होंने कहा कि जलगांव को छोड़ दें तो लोकसभा परिणामों से साफ झलकता है कि भाजपा की ताकत कम हुई है।

खडसे, 2020 में भाजपा को छोड़कर शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए थे।

उन्होंने कहा, “जून ( लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा) के बाद से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। सरकार के खिलाफ जबरदस्त अशांति है लेकिन अपनी संगठनात्मक ताकत के कारण भाजपा को बढ़त हासिल है। उत्तर महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और राकांपा-शरदचंद्र पवार का प्रदर्शन मिलाजुला रहने की उम्मीद है।”

महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों में जो असंतोष था वह अब थोड़ा कम हो गया है।

उन्होंने कहा, “प्याज किसानों को उनकी उपज का संतोषजनक मूल्य मिल रहा है। फरवरी-मार्च 2023 में जब प्याज की कीमतें कम हुईं तब अपनी उपज सस्ते दामों पर बेचने वाले किसानों को 851.66 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई। हालांकि सब्सिडी की करीब 25 करोड़ रुपये की राशि अब भी लंबित है।”

दिघोले ने कहा कि इस साल मई में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाए जाने के बाद इसका निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि किसान निर्यात शुल्क में पूरी तरह छूट की मांग कर रहे थे।

दिघोले ने कहा कि सोयाबीन की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने के कारण किसान अभी भी परेशान हैं। उत्तर महाराष्ट्र के सभी पांच जिलों और राज्य के अन्य क्षेत्र छत्रपति संभाजीनगर, पुणे, बुलढाणा, सतारा, सोलापुर और बीड में प्याज की खेती होती है। इन क्षेत्रों में लगभग 50 विधानसभा सीट शामिल हैं।

महाराष्ट्र में राष्ट्रीय प्याज उत्पादन का 40 प्रतिशत हिस्सा है।

भाषा जितेंद्र प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)