बदलापुर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लिए जाएं, अन्यथा हम सड़कों पर उतरेंगे: उद्धव |

बदलापुर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लिए जाएं, अन्यथा हम सड़कों पर उतरेंगे: उद्धव

बदलापुर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लिए जाएं, अन्यथा हम सड़कों पर उतरेंगे: उद्धव

:   Modified Date:  August 23, 2024 / 03:03 PM IST, Published Date : August 23, 2024/3:03 pm IST

(तस्वीर सहित)

मुंबई, 23 अगस्त (भाषा) शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बदलापुर के एक स्थानीय स्कूल में दो बच्चियों के कथित यौन शोषण के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की शुक्रवार को मांग की और आगाह किया कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो विपक्ष सड़कों पर उतरेगा।

ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) द्वारा 24 अगस्त को आहूत ‘महाराष्ट्र बंद’ राजनीतिक नहीं है बल्कि यह ‘‘दुष्कृत्य’’ के खिलाफ है और उन्होंने लोगों से जाति एवं धर्म से ऊपर उठकर इसमें भाग लेने का आग्रह किया।

उन्होंने दावा किया कि यह बंद राज्य के लोगों की ओर से किया जाएगा।

ठाकरे ने बदलापुर विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘बदलापुर में अब भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने चाहिए, अन्यथा हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा।’’

बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय में चार वर्षीय दो बच्चियों का एक पुरुष सहायक द्वारा कथित यौन उत्पीड़न किये जाने की घटना के बाद हजारों प्रदर्शनकारी मंगलवार को सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया था।

विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे स्टेशन और बदलापुर के अन्य हिस्सों में पथराव की घटनाओं में शहर पुलिस के कम से कम 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 72 लोगों को गिरफ्तार किया है।

आरोपियों को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 26 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।

ठाकरे ने कहा कि बंद का अपराह्न दो बजे तक ‘‘सख्ती से’’ पालन किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आपातकालीन सेवाएं चालू रहें।

उन्होंने कहा कि लोगों को अपना गुस्सा सिर्फ चुनाव के दौरान ही नहीं बल्कि अन्य समय में भी व्यक्त करने का अधिकार है।

ठाकरे ने कहा कि जब सभी रास्ते बंद हो जाते हैं, तो न्याय जनता की अदालत में मांगा जाता है। उन्होंने कहा कि बंद का उद्देश्य सरकार को यह एहसास दिलाना है कि तंत्र को अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलापुर में बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले का स्वत: संज्ञान लेने वाले बंबई उच्च न्यायालय ने भी सरकार की आलोचना की है।

उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा था, ‘‘जब तक जनता में तीव्र आक्रोश नहीं होता, तब तक तंत्र सक्रिय नहीं होगा।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

 

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