भाजपा स्पष्ट करे कि वह मुसलमानों को जहर देना चाहती है या भोजन: उद्धव |

भाजपा स्पष्ट करे कि वह मुसलमानों को जहर देना चाहती है या भोजन: उद्धव

भाजपा स्पष्ट करे कि वह मुसलमानों को जहर देना चाहती है या भोजन: उद्धव

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Modified Date: March 27, 2025 / 07:34 PM IST
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Published Date: March 27, 2025 7:34 pm IST

मुंबई, 27 मार्च (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह मुसलमानों को जहर देना चाहती है या भोजन।

राज्य विधानसभा के बजट सत्र के समाप्त होने के एक दिन बाद ठाकरे ने संवाददाताओं से बातचीत में मुस्लिम परिवारों के लिए ‘सौगात-ए-मोदी’ कार्यक्रम को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए यह बात कही।

साथ ही ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने कई वर्षों तक इस्लाम के खिलाफ जहर फैलाया और अब वह चाहती है कि मुस्लिम समुदाय उसके पक्ष में वोट करे।

ठाकरे ने कहा, ”क्या उनका ‘सौगात-ए-सत्ता’ बिहार चुनाव तक सीमित रहेगा या यह हमेशा जारी रहेगा? भाजपा को यह भी घोषित करना चाहिए कि उसने हिंदुत्व छोड़ दिया है।”

ठाकरे ने कहा कि वह भाजपा के हिंदुत्व समर्थकों द्वारा मुस्लिम घरों में जाकर सौगात-ए-मोदी किट बांटने की तस्वीरें देखना चाहेंगे।

भाजपा के पूर्व सहयोगी ठाकरे ने कहा, ”जब शिवसेना को मुस्लिम मतदाताओं का भारी समर्थन मिला तो यह कहते हुए शोर मचाया गया कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया है। उन्होंने ‘सत्ता जिहाद’ जैसे शब्द भी गढ़े। लेकिन अब उन्हीं लोगों ने अपना रुख बदल दिया है।”

सांप्रदायिक मुद्दों पर भाजपा के रुख की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों को पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, उनके घर जला दिए जाते हैं और हिंदुओं का इस्तेमाल केवल मुसलमानों के खिलाफ दंगे भड़काने के लिए किया जाता है।’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने ‘‘गद्दार’’ का अपमान करने के लिए कॉमेडियन कुणाल कामरा को तलब किया लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज का ‘‘अपमान’’ करने के मामले में अभिनेता राहुल सोलापूरकर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

ठाकरे ने पत्रकारों से कहा, ‘जब ‘गद्दार’ (एकनाथ शिंदे का स्पष्ट संदर्भ) के खिलाफ टिप्पणी की गई तो जिस स्टूडियो में कार्यक्रम रिकॉर्ड किया गया था उस पर हमला किया गया और कामरा को दो समन भेजे गए (शिंदे को कथित रूप से बदनाम करने के लिए), लेकिन क्या राहुल सोलापूरकर को एक भी समन जारी किया गया है, जिन्होंने कथित रूप से शिवाजी महाराज का अपमान किया था?’

उन्होंने कहा, ‘आपको कामरा के खिलाफ कार्रवाई करने का क्या अधिकार है? आप किसकी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं?’

ठाकरे ने कहा, ‘‘आप एक गद्दार का अपमान करने के लिए कुणाल कामरा को दो बार तलब करते हैं, लेकिन राहुल सोलापूरकर को एक बार भी नहीं बुलाते।’’

कामरा को मुंबई पुलिस ने तलब किया है। शिवसेना (उबाठा) ने अकसर शिंदे के लिए ‘‘गद्दार’’ शब्द का इस्तेमाल किया है जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर 2022 में पार्टी को विभाजित कर दिया था।

कामरा के ‘पैरोडी’ गीत में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निशाना बनाया गया था, जिसके बाद रविवार को यहां एक स्टूडियो पर शिंदे समर्थकों ने हमला कर दिया था।

ठाकरे ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक ऐसे व्यक्ति (शिंदे) को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका नाम कामरा ने अपने शो में सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उन्होंने ‘जिस व्यक्ति का नाम कामरा ने लिया’ उसके बारे में कुछ नहीं कहा। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में इस सप्ताह की शुरुआत में कहा गया था कि भाजपा इसी शो के दौरान कामरा द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किए गए सीधे कटाक्षों पर चुप है।

हाल में एक ‘पॉडकास्ट’ में सोलापूरकर ने कहा था कि 17वीं सदी के मराठा योद्धा शिवाजी महाराज मुगल सम्राट औरंगजेब के अधिकारियों को ‘‘रिश्वत’’ देकर आगरा किले से भाग निकले थे, न कि मिठाई की टोकरी में खुद को छिपाकर जैसा कि प्रचलित है। इसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई और कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने ‘‘रिश्वत’’ शब्द पर आपत्ति जताई।

उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार में स्पष्टता और स्थिरता का अभाव है।

उन्होंने कहा, ‘यह एक बड़ी जनादेश वाली एक असहज सरकार है, फिर भी कोई नहीं जानता कि अगला कौन अपनी कुर्सी खो देगा। नागपुर में हुई हिंसा के पीछे की सच्चाई अभी भी पता नहीं चल पाई है।’

भाजपा नेता प्रशांत कोरटकर द्वारा कोल्हापुर के एक इतिहासकार को कथित तौर पर किए गए फोन कॉल पर टिप्पणी करते हुए (जिसमें कोरटकर पर शिवाजी महाराज के बारे में अपमानजनक बातें कहने का आरोप है) ठाकरे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कोरटकर को 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है और फिर छोड़ा जा सकता है।’

वह जाहिर तौर पर पिछले साल पुणे में हुए पोर्श दुर्घटना मामले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें किशोर चालक को शुरुआत में सड़क सुरक्षा पर निबंध लिखने के लिए कहा गया था और छोड़ दिया गया था।

ठाकरे ने पूछा, ‘क्या किसी को याद है कि बदलापुर स्कूल के फरार निदेशकों का क्या हुआ, जहां यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी?’

भाषा शोभना पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)