कोल्हापुर, 10 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद धनंजय महाडिक ने महायुति सरकार की ‘माझी लाडकी बहीण’ योजना के तहत 1,500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता पाने वाली महिलाओं को कांग्रेस की रैलियों में शामिल न होने की कथित तौर पर चेतावनी दी, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
‘माझी लाडकी बहीण’ योजना महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की प्रमुख पहलों में से एक है। अपने घोषणापत्र में सत्तारूढ़ गठबंधन ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता बरकरार रखती है, तो सहायता राशि 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये कर देगी।
कोल्हापुर के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए महाडिक को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-179 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
शनिवार को कोल्हापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महाडिक ने कहा था, ‘‘अगर आपको लाडकी बहीण योजना के तहत 1,500 रुपये पाने वाली महिलाएं कांग्रेस की रैलियों में दिखें, तो उनकी तस्वीरें लें और हम उन्हें देखेंगे। हमारी सरकार से सहायता लेना और दूसरों की प्रशंसा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
अपनी इस टिप्पणी के लिए राज्यसभा सदस्य महाडिक विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के निशाने पर आ गए हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘मैं महाडिक के बयान की निंदा करती हूं। छत्रपति के कोल्हापुर में यह हो रहा है। मैं इस तरह की चेतावनी बर्दाश्त नहीं करूंगी। महिला आयोग को गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए।’’
भाजपा नेता ने बाद में सफाई दी कि उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया।
उन्होंने कहा, ‘‘लाडकी बहीण योजना राज्य में एक लोकप्रिय योजना है और चुनावों में यह महत्वपूर्ण साबित होगी। मेरा मकसद महिलाओं की सुरक्षा था। मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया।’’
भाषा खारी पारुल
पारुल
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