पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल ने शरद पवार से मुलाकात की |

पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल ने शरद पवार से मुलाकात की

पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल ने शरद पवार से मुलाकात की

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Modified Date: October 3, 2024 / 06:04 PM IST
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Published Date: October 3, 2024 6:04 pm IST

मुंबई, तीन अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलने की अटकलों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हर्षवर्धन पाटिल बृहस्पतिवार को मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार से मिले।

पाटिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने पवार से दक्षिण मुंबई में उनके ‘सिल्वर ओक’ आवास पर मुलाकात की। पाटिल ने कहा, ‘‘पवार ने मुझसे उनकी पार्टी में शामिल होने और विधानसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वह मुझे चुनाव जिताएंगे।’’

राज्य के मंत्री और भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि पूर्व राज्य मंत्री हर्षवर्धन पाटिल को राकांपा (एसपी) में शामिल होने के अपने फैसले पर पछतावा होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग यह महसूस कर रहे हैं कि उन्हें विधानसभा चुनावों में (भाजपा द्वारा) फिर से मैदान में नहीं उतारा जाएगा, वे पार्टी छोड़ रहे हैं।

चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘जब हम चुनाव जीतेंगे और वह (हर्षवर्धन) पार्टी में पुनः शामिल होने के लिए हमारे पास आएंगे, तो हमारे शीर्ष नेता तय करेंगे कि उन्हें वापस लिया जाए या नहीं।’’

बारामती क्षेत्र में इंदापुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक हर्षवर्धन पाटिल के पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं, खासकर तब जब राकांपा नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पिछली बार सीट जीतने वालों को ही यह सीट बरकरार रखने का मौका मिलेगा।

इंदापुर सीट से चार बार विधायक रहे हर्षवर्धन पाटिल फिर से इंदापुर से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं। इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा की गठबंधन सहयोगी राकांपा करती है, जो इस बार मौजूदा विधायक दत्तात्रेय भरणे को फिर से मैदान में उतार सकती है।

हर्षवर्धन पाटिल 1995-99 के दौरान शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में कृषि और विपणन राज्य मंत्री रहे। उन्होंने 1995 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता। वह 1999 से 2014 तक कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार के दौरान मंत्री थे। वह 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए और सहकारिता और संसदीय मामलों के मंत्री बनाए गए।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

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