जालना, 28 जून (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मंत्री और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता छगन भुजबल पर सांप्रदायिक तनाव को उकसाने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उन पर लगाम लगाने का आग्रह किया।
जरांगे ने बीड जिले में अपने पैतृक गांव मटोरी में नारेबाजी और पथराव की घटना के मद्देनजर जालना जिले के महाकाल गांव में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं।
बृहस्पतिवार रात जब आस-पास के गांवों के लोग ओबीसी आरक्षण आंदोलनकारी लक्ष्मण हेक और नवनाथ वाघमारे की रैली में भाग लेने के लिए मटोरी से गुजर रहे थे, उस दौरान यह घटना हुई।
जरांगे ने दावा किया कि भुजबल ने मराठा युवकों पर गलत आरोप लगाने के लिए हमले की साजिश रची थी।
उन्होंने कहा, ‘भुजबल ने खुद अपने लोगों से उनके (ओबीसी कार्यकर्ताओं के) वाहनों पर पत्थर फेंकने को कहा और फिर मराठा युवकों पर आरोप लगाया। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को उन्हें सांप्रदायिक अशांति फैलाने से रोकना चाहिए।’
जरांगे ने कहा,’पुलिस मराठा युवकों को परेशान कर रही है और उनपर पथराव की घटना में शामिल होने का आरोप लगा रही है। यह अन्याय बंद होना चाहिए।’
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इस तरह का लक्षित उत्पीड़न जारी रहा, तो मराठा समुदाय चुप नहीं बैठेगा।
जरांगे ने दावा किया कि पहले भी कई मौकों पर भुजबल ने उनके अंतरवाली सराटी गांव में शांति भंग करने की कोशिश की थी, लेकिन उनके ये प्रयास नाकाम कर दिए गए थे।
उन्होंने कहा, ‘भुजबल ने लोगों को भड़काया और सांप्रदायिक दरार पैदा की, लेकिन हमने उनकी इस योजना को विफल कर दिया।’
जरांगे ने कहा कि ओबीसी कार्यकर्ता हेक और वाघमारे का अनशन सरकार द्वारा प्रायोजित विरोध था।
उन्होंने कहा कि भुजबल ने स्वयं स्वीकार किया है कि दोनों उनके कार्यकर्ता थे।
भाषा
योगेश दिलीप
दिलीप
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