भागवत ने भारतीय जीवनशैली को दुनिया के सामने पेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया |

भागवत ने भारतीय जीवनशैली को दुनिया के सामने पेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया

भागवत ने भारतीय जीवनशैली को दुनिया के सामने पेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया

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Modified Date: December 17, 2024 / 11:07 PM IST
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Published Date: December 17, 2024 11:07 pm IST

पुणे, 17 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत की यह प्रमुख जिम्मेदारी है कि वह अपनी गौरवशाली जीवन शैली को दुनिया के सामने पेश करे, ताकि अन्य लोग सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकें।

भागवत ने पुणे शहर के निकट पिंपरी चिंचवाड़ के औद्योगिक क्षेत्र में मोरया गोसावी संजीवन समाधि समारोह के उद्घाटन के अवसर पर इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय लोकाचार का सार सभी का कल्याण सुनिश्चित करने में निहित है।

भागवत ने कहा, ‘‘विश्व व्यवस्था का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए संतुलन और धैर्य बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। भारतीय संस्कृति में हमेशा प्रकृति से जुड़ने की परंपरा रही है। आज के संदर्भ में इसे ‘वापस देना’ कहा जा सकता है। हमारे धर्म की संरचना ‘वापस देने’ के इसी सिद्धांत पर बनी है। हमारे पूर्वजों ने इसे पहचाना और इसे अपने जीवन में उतारा, क्योंकि प्रकृति स्वयं इस पहलू पर काम करती है।’’

उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने न केवल धर्म में संतुलन की अवधारणा को समझा, बल्कि उदाहरण प्रस्तुत करते हुए यह भी दर्शाया कि सभी के लिए सद्भाव और प्रगति सुनिश्चित करते हुए किस प्रकार शांतिपूर्ण तरीके से रहा जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह धर्म सभी का कल्याण और प्रगति सुनिश्चित करता है, यही कारण है कि भारत को बरकरार रहना चाहिए, विकास करना चाहिए और आगे का रास्ता दिखाना चाहिए। दुनिया को अपनी शानदार जीवन शैली दिखाना भारत की प्रमुख जिम्मेदारी है, ताकि अन्य लोग इसका अनुसरण कर सकें और सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकें।’’

आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, ‘‘भगवान गणेश का बड़ा पेट सभी के कर्मों के प्रति सहिष्णुता का प्रतीक है, जबकि उनके बड़े कान सभी की बात सुनने की उनकी क्षमता को दर्शाते हैं। उनकी लंबी सूंड हर स्थिति को समझने और उस पर प्रतिक्रिया करने की उनकी क्षमता को दर्शाती है।’’

भाषा

अमित सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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