बारामती की लड़ाई भावनात्मक रूप से दर्दनाक थी, विरासत पर आलोचकों से बहस के लिए तैयार: सुप्रिया सुले |

बारामती की लड़ाई भावनात्मक रूप से दर्दनाक थी, विरासत पर आलोचकों से बहस के लिए तैयार: सुप्रिया सुले

बारामती की लड़ाई भावनात्मक रूप से दर्दनाक थी, विरासत पर आलोचकों से बहस के लिए तैयार: सुप्रिया सुले

:   Modified Date:  September 25, 2024 / 10:27 PM IST, Published Date : September 25, 2024/10:27 pm IST

मुंबई, 25 सितंबर (भाषा) राकांपा (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बुधवार को बारामती लोकसभा सीट पर अपने चचेरे भाई अजित पवार की पत्नी के साथ चुनावी लड़ाई को भावनात्मक रूप से दर्दनाक बताया और कहा कि वह सत्ता व पैसों से परे रिश्तों को महत्व देती हैं।

‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुले ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि अजित पवार की बगावत के बाद राकांपा में विभाजन इसलिए हुआ क्योंकि उनके पिता शरद पवार ने उन्हें (सुले को) अपना उत्तराधिकारी चुना था।

सुले ने कहा कि वह विरासत के मुद्दे पर आलोचकों से बहस करने के लिए तैयार हैं।

बारामती लोकसभा सीट से लगातार तीन बार जीत चुकीं सुले ने कहा कि परिवार का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और परिवार के 98 प्रतिशत सदस्य उनके साथ हैं।

सुले ने कहा, ‘‘(बारामती) चुनाव मेरे लिए भावनात्मक रूप से दर्दनाक था। सत्ता और पैसा आते-जाते रहते हैं लेकिन, रिश्ता मायने रखता है।’’

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राकांपा ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को सुप्रिया सुले के खिलाफ मैदान में उतारा था। सुले ने 1.58 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

अजित पवार ने कई बार स्वीकार किया है कि सुले के खिलाफ अपनी पत्नी को खड़ा करना एक ‘‘गलती’’ थी।

यह पूछे जाने पर कि क्या राकांपा (एसपी) का कांग्रेस में विलय होगा, सुले ने कहा कि वह इस पर कोई कयास नहीं लगाएंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम वैचारिक रूप से (खुद को) कांग्रेस के करीब महसूस करते हैं।’’

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश

 

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