मंत्रिमंडल की बैठक से पहले विपक्षी नेताओं ने मराठवाड़ा के वास्ते पूर्व में किए वादों पर सरकार से जवाब मांगा |

मंत्रिमंडल की बैठक से पहले विपक्षी नेताओं ने मराठवाड़ा के वास्ते पूर्व में किए वादों पर सरकार से जवाब मांगा

मंत्रिमंडल की बैठक से पहले विपक्षी नेताओं ने मराठवाड़ा के वास्ते पूर्व में किए वादों पर सरकार से जवाब मांगा

:   Modified Date:  September 14, 2023 / 10:34 PM IST, Published Date : September 14, 2023/10:34 pm IST

औरंगाबाद, 14 सितंबर (भाषा) विपक्षी दलों के नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार से 2016 में औरंगाबाद में हुई मंत्रिमंडल बैठक के दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए किए गए वादों के बारे में बृहस्पतिवार को जवाब मांगा और दावा किया कि इनमें से कई वादे पूरे नहीं हुए हैं।

मराठवाड़ा स्वतंत्रता संग्राम की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर, क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने और इनका समाधान खोजने के लिए 16 सितंबर को औरंगाबाद में एक विशेष कैबिनेट बैठक की योजना बनाई गई है।

भारतीय सेना ने मराठवाड़ा क्षेत्र को 17 सितंबर, 1948 को हैदराबाद निज़ाम के शासन से मुक्त कराया था। अब इसमें औरंगाबाद, नांदेड़, लातूर, जालना, बीड, परभणी, उस्मानाबाद और हिंगोली जिले शामिल हैं।

विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में पिछली कैबिनेट बैठक को लेकर सरकार की आलोचना की, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के लोकसभा सदस्य इम्तियाज जलील ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन किया।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) से ताल्लुक रखने वाले दानवे ने कहा कि औरंगाबाद में 2016 में हुई पिछली कैबिनेट बैठक के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा, ”मौजूदा सरकार में भी फडणवीस ”सुपर सीएम” हैं।

उन्होंने कहा कि तब मराठवाड़ा के लिए 49,020 करोड़ रुपये के कार्यों की घोषणा की गई थी। इन घोषणाओं में से, दानवे ने औरंगाबाद में शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के ‘अधूरे स्मारक’, उस्मानाबाद में टेर के पुरातात्विक स्थल पर एक संग्रहालय से संबंधित काम में ‘देरी’ और एलोरा पर्वत श्रृंखला में स्थित म्हैस्मल गांव में ‘लंबित विकास’ को लेकर सरकार से जवाब मांगा।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने सरकार से नांदेड़ जिले के माहुर शहर को विकसित करने की योजना कार्यान्वित नहीं होने के बारे में भी सवाल किया। उन्होंने दावा किया कि क्षेत्र के 1,000 गांवों के लिए डेयरी योजना कभी लागू नहीं की गई, जबकि परभणी जिले में कपड़ा पार्क के लिए जमीन की पहचान अभी तक नहीं की गई है। दानवे ने कहा कि बीड-परली-अहमदनगर रेलवे लाइन अधूरी है।

औरंगाबाद हवाई अड्डे के विस्तार की योजना का हवाला देते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या राज्य ने नए शहरों के लिए उड़ानों के लिए कोई पत्र लिखा है।

दानवे ने सरकार से नए वादे घोषित करने से पहले क्षेत्र के लिए अतीत में किए गए वादों पर अधिक प्रकाश डालने को कहा।

एआईएमआईएम नेता जलील ने पत्रकारों से कहा कि औरंगाबाद में 40 करोड़ रुपये का एक सभागार प्रस्तावित किया गया था लेकिन उसका निर्माण कभी हुआ नहीं।

वहीं पुणे से प्राप्त खबर के अनुसार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र में कई समुदाय विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राजस्थान में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार स्वार्थ के लिए बनी है और उसे नागरिकों की कोई परवाह नहीं है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘आज, चाहे वह मराठा हों, धनगर हों, लिंगायत हों या मुस्लिम हों, सभी अशांत हैं, जबकि, उपमुख्यमंत्री फडणवीस दूसरे राज्य में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। यह इस सरकार के गैर-गंभीर दृष्टिकोण को दर्शाता है।’’

सुले ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी को इन समुदायों के लिए आरक्षण पर संसद में चर्चा करनी चाहिए और राकांपा पूरा समर्थन देगी।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)