मुंबई, नौ अक्टूबर (भाषा) एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन, मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरीमेंट (एमएसीई) वेधशाला का लद्दाख के हानले में उद्घाटन किया गया है। इस दूरबीन से वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
यहां मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दूरबीन दुनिया में इस तरह की सबसे ऊंची दूरबीन भी है।
परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव अजीत कुमार मोहंती ने चार अक्टूबर को इस दूरबीन का उद्घाटन किया।
मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और अन्य भारतीय उद्योग साझेदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से इस दूरबीन का निर्माण किया है।
एमएसीई वेधशाला का उद्घाटन परमाणु ऊर्जा विभाग की 70वीं वर्षगांठ समारोह का एक हिस्सा था।
बयान में कहा गया, ‘‘ ‘मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरीमेंट’ (एमएसीई) वेधशाला का उद्घाटन डीएई सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने चार अक्टूबर को हानले, लद्दाख में किया।’’
मोहंती ने एमएसीई दूरबीन निर्माण को लेकर सामूहिक प्रयास की सराहना की।
उन्होंने कहा कि एमएसीई वेधशाला भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह ब्रह्मांडीय-किरण अनुसंधान में देश को वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थान पर रखती है।
मोहंती ने कहा कि दूरबीन से वैज्ञानिकों को उच्च ऊर्जा वाली गामा किरणों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी, जिससे ब्रह्मांड की सर्वाधिक ऊर्जावान घटनाओं को गहराई से समझने का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमएसीई परियोजना न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि लद्दाख के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी सहयोग प्रदान करती है।
भाषा यासिर प्रशांत
प्रशांत
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