अनिल देशमुख अपने और एमवीए सरकार के खिलाफ 'षड्यंत्र' को उजागर करने के लिए पुस्तक प्रकाशित करेंगे |

अनिल देशमुख अपने और एमवीए सरकार के खिलाफ ‘षड्यंत्र’ को उजागर करने के लिए पुस्तक प्रकाशित करेंगे

अनिल देशमुख अपने और एमवीए सरकार के खिलाफ 'षड्यंत्र' को उजागर करने के लिए पुस्तक प्रकाशित करेंगे

:   Modified Date:  October 22, 2024 / 11:27 AM IST, Published Date : October 22, 2024/11:27 am IST

नागपुर, 22 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही अपनी एक किताब लेकर आएंगे जिसमें उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर उनके खिलाफ की गई साजिश का ब्यौरा होगा और उन लोगों को बेनकाब किया जाएगा जिन्होंने पिछली एमवीए सरकार को हटाने के लिए काम किया था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने कहा कि उन्होंने 14 महीने की जेल के दौरान ‘डायरी ऑफ होम मिनिस्टर’ नामक पुस्तक लिखना शुरू किया था।

उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पुस्तक जल्द ही जारी की जाएगी और मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध होगी। इस पुस्तक में यह भी बताया जाएगा कि लंबी अदालती लड़ाई के बाद वे किस तरह जेल से बाहर आए।

पूर्व गृह मंत्री कथित भ्रष्टाचार के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक मामले का और धन शोधन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज एक अन्य मामले का सामना कर रहे हैं।

देशमुख ने अप्रैल 2021 में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और नवंबर 2021 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दिसंबर 2022 में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

देशमुख ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘यह किताब मेरे खिलाफ पूरी साजिश के बारे में बताएगी, कि कैसे मेरे जरिए महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की गई और कैसे मुझे झूठे मामले में फंसाया गया तथा 14 महीने तक जेल में रखा गया, क्योंकि मैंने (उनकी बात मानने से) इनकार कर दिया था।’

उन्होंने कहा कि पुस्तक में यह भी जानकारी मिलेगी कि जब वह महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे, तो उनके खिलाफ किसने और कैसे साजिश रची तथा यह भी कि कैसे और किसने तत्कालीन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को गिराने के लिए काम किया।

देशमुख ने कहा कि इसमें यह भी बताया जाएगा कि कैसे उन्हें 14 महीने जेल में बिताने पड़े और कैसे उन्हें और उनके परिवार को एक झूठे मामले में परेशान किया गया।

भाषा योगेश मनीषा

मनीषा

 

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