मुंबई, 20 नवंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को धनशोधन मामले की जांच के तहत महाराष्ट्र में बिटकॉइन के राजनीतिक लेनदेन मामले से कथित रूप से जुड़े एक ऑडिट कंपनी के कर्मचारी के छत्तीसगढ़ स्थित परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गौरव मेहता के घर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है।
ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता एवं बारामती से सांसद सुप्रिया सुले तथा कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले की कथित आवाज वाली रिकॉर्डिंग सुनाई और आरोप लगाया कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने का प्रयास किया जा रहा था।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने क्रिप्टो (बिटकॉइन) संपत्ति पोंजी घोटाले में जारी धनशोधन जांच का दायरा बढ़ा दिया है और मेहता तथा राजनीतिक नेताओं के साथ कुछ अन्य लोगों और नौकरशाहों के ‘‘संबंधों’’ की जांच की जा रही है।
अप्रैल में एजेंसी ने इस क्रिप्टो-पोंजी जांच के तहत अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की 98 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। दंपति ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती दी थी और बंबई उच्च न्यायालय से उन्हें राहत मिल गई थी।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कुछ ऑडियो क्लिप साझा की, जिनमें सुले और पटोले की कथित आवाज और सिग्नल चैट कथित तौर पर चुनाव प्रचार अभियान के वित्तपोषण के लिए बिटकॉइन के इस्तेमाल का संकेत देती है।
त्रिवेदी ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) को चुनाव में उसकी हार स्पष्ट रूप से नजर आ रही है।
सुले ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने झूठे आरोपों के खिलाफ निर्वाचन आयोग तथा राज्य के साइबर अपराध विभाग में शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि वह ‘‘गौरव मेहता को नहीं जानतीं’’।
पटोले ने भी भाजपा के आरोपों को खारिज किया और कहा, ‘‘प्रसारित की जा रही क्लिप में मेरी आवाज नहीं है। यहां तक कि (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी भी मेरी आवाज पहचानते हैं।’’
क्रिप्टो-पोंजी मामले में ईडी की धनशोधन जांच महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा वैरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी; (दिवंगत) अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिम्पी भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज नामक व्यक्तियों; और कई ‘मल्टी-लेवल मार्केटिंग एजेंट’ के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है। आरोप है कि आरोपियों ने बिटकॉइन के रूप में प्रति माह 10 प्रतिशत मुनाफे के ‘‘झूठे वादे’’ के साथ जनता से बिटकॉइन के रूप में भारी मात्रा में धनराशि (2017 में 6,600 करोड़ रुपये) एकत्र की।
ईडी ने आरोप लगाया था कि बिटकॉइन का उपयोग खनन के लिए किया जाना था और निवेशकों को क्रिप्टो करेंसी में भारी मुनाफा मिलना था, लेकिन प्रवर्तकों ने निवेशकों को ‘‘धोखा’’ दिया और ‘‘गलत तरीके से प्राप्त’’ बिटकॉइन को अस्पष्ट ऑनलाइन वॉलेट में छिपा दिया।
एजेंसी ने कहा कि कुंद्रा ने यूक्रेन में बिटकॉइन खनन फार्म स्थापित करने के लिए गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता और प्रवर्तक अमित भारद्वाज से 285 बिटकॉइन प्राप्त किए थे।
ईडी ने कहा कि ये बिटकॉइन अमित भारद्वाज द्वारा भोले-भाले निवेशकों से एकत्रित ‘‘अपराध की आय’’ से प्राप्त किए गए थे।
एजेंसी ने पिछले साल इस मामले में तीन लोगों- सिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने कहा कि मुख्य आरोपी अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज फरार हैं। इसने कहा कि वह पहले भी इस मामले में 69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है।
इस मामले में अब तक दो आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। इनमें पहला आरोपपत्र जून 2019 में और दूसरा इस साल फरवरी में दाखिल किया गया था।
भाषा नेत्रपाल सुभाष
सुभाष
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