( फाइल फोटो के साथ )
मुंबई, 15 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने संविदा के आधार पर भर्ती करने के संबंध में आए सरकारी प्रस्ताव या आदेश को वापस लेने की बुधवार को मांग की।
हालांकि उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि यह सही फैसला है और साथ ही रेखांकित किया कि यह फैसला राज्य की पूर्ववर्ती एमवीए सरकार द्वारा लिया गया, जिसमें पवार भी शामिल थे। गौरतलब है कि महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार में अविभाजित शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल थे।
विधानसभा में पवार ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की संविदा के आधार पर भर्ती गोपनीयता पर सवाल उठाती है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों से कुछ मुद्दों पर गोपनीयता बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है।
राकांपा नेता ने कहा, साथ ही, संविदा पर भर्ती कुछ कर्मचारियों को राज्य के मुख्य सचिव से भी ज्यादा वेतन मिलने लगता है।
पवार ने कहा, सरकारी आदेश में कहा गया है कि उद्यम, ऊर्जा और श्रम विभागों में निजी एजेंसियों के माध्यम से संविदा पर भर्तियां की जाएंगी।
उन्होंने इस सरकारी आदेश के समय पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में जबकि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के लिए आंदोलन कर रहे हैं, सरकार ने संविदा के आधार पर भर्ती करने का फैसला लिया है।
इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि संविदा के आधार पर लोगों की भर्ती करने का फैसला और इस संबंध में निविदा एमवीए सरकार के कार्यकाल में जारी की गई थी और उनकी सरकार इसे इसलिए लागू कर रही है, क्योंकि यह सही फैसला है।
भाषा अर्पणा पवनेश
पवनेश
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