एअर इंडिया की पायलट की आत्महत्या का मामला: मुंबई की अदालत ने प्रेमी को जमानत दी |

एअर इंडिया की पायलट की आत्महत्या का मामला: मुंबई की अदालत ने प्रेमी को जमानत दी

एअर इंडिया की पायलट की आत्महत्या का मामला: मुंबई की अदालत ने प्रेमी को जमानत दी

Edited By :  
Modified Date: December 27, 2024 / 05:06 PM IST
,
Published Date: December 27, 2024 5:06 pm IST

मुंबई, 27 दिसंबर (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने पिछले महीने कथित रूप से खुदकुशी करने वाली एअर इंडिया की एक पायलट के जेल में बंद प्रेमी आदित्य पंडित को शुक्रवार को जमानत दे दी।

मरोल इलाके में किराये के एक फ्लैट में रहने वाली पायलट सृष्टि तुली (25) गत 25 नवंबर की सुबह मृत मिली थी। एक दिन बाद पुलिस ने पंडित (27) को गिरफ्तार कर लिया और उस पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (डिंडोशी अदालत) टी टी अगलावे ने पंडित की जमानत अर्जी कबूल कर ली। लेकिन अभी तक विस्तृत आदेश उपलब्ध नहीं हुआ है।

तुली के पिता की शिकायत में कहा गया है कि उनकी बेटी और आरोपी पंडित घटना से पांच-छह दिन पहले से एक ही कमरे में साथ रह रहे थे। हालांकि घटना वाले दिन आरोपी दिल्ली चला गया था।

शिकायत के मुताबिक, आरोपी और पायलट की खानपान की आदतें अलग थीं और यही उनके बीच विवाद का कारण था। तुली मांसाहारी थी, जबकि पंडित शाकाहारी था।

शिकायत में दावा किया गया है कि पंडित हमेशा तुली पर मांसाहार छोड़ने के लिए दबाव डालता था और इस कारण से उसने खुदकुशी कर ली। हालांकि पंडित के वकील अनिकेत निगम ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला नहीं बनता।

उन्होंने कहा, ‘‘महज उनके बीच किसी बात पर लड़ाई होने से यह अर्थ नहीं निकाला जा सकता कि प्रार्थी की कोई आपराधिक मंशा थीं’’

निकम ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में यह दिखाना जरूरी है कि लड़की के पास खुदकुशी के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था।

पंडित ने अपने जमानत आवेदन में कहा कि दिल्ली के रास्ते में उसने कई बार तुली को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वह चिंतित हो गया और वापस मुंबई पहुंचा तो फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद पाया।

आरोपी के अनुसार, जब कई बार खटखटाने के बाद भी तुली ने दरवाजा नहीं खोला तो पंडित ने चाबी बनाने वाले एक व्यक्ति को बुलाया और दरवाजा खुलवाया।

उसने कहा कि तुली को फांसी से लटका देख वह उसकी जान बचाने के लिए अस्पताल ले गया, हालांकि तब तक देर हो चुकी थी।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)