अस्पताल में भर्ती होने की आड़ में आरोपी को विलासिता की अनुमति नहीं दी जा सकती : अदालत |

अस्पताल में भर्ती होने की आड़ में आरोपी को विलासिता की अनुमति नहीं दी जा सकती : अदालत

अस्पताल में भर्ती होने की आड़ में आरोपी को विलासिता की अनुमति नहीं दी जा सकती : अदालत

:   Modified Date:  July 23, 2024 / 09:13 PM IST, Published Date : July 23, 2024/9:13 pm IST

मुंबई, 23 जुलाई (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने धन शोधन के मामले में गिरफ्तार 80 वर्षीय व्यवसायी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की आड़ में किसी आरोपी को विलासिता की अनुमति नहीं दी जा सकती।

पीएमएलए अदालत ने सोमवार को ‘एसोसिएट हाई प्रेशर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ (एएचपीटीपीएल) के अध्यक्ष मनोहरलाल अगीचा की अस्पताल में रहने की अवधि बढ़ाने की याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

आरोपी व्यवसायी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2023 में एक बैंक से 149.89 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत के आदेश के अनुसार, न्यायिक हिरासत में रहते हुए अगीचा को मार्च 2024 में 15 दिनों के इलाज के लिए बांद्रा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से, आदेश को कई बार बढ़ाया गया और वह लगातार अस्पताल में भर्ती रहे।

हाल में, अगीचा ने आगे के इलाज के लिए अस्पताल में अपने रहने की अवधि को कुछ और महीनों के लिए बढ़ाने की याचिका दायर की। हालांकि, विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश ए.सी. डागा ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया और आर्थर रोड जेल अधिकारियों को आरोपी को मध्य मुंबई की जेल में वापस ले जाने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि अस्पताल द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट से पता चलता है कि आरोपी ने अभी तक सर्जरी के संबंध में निर्णय नहीं लिया है क्योंकि मरीज कुछ और हफ्तों तक चिकित्सा निगरानी में रहना चाहता है।

भाषा शफीक प्रशांत

प्रशांत

 

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