मुंबई, एक जनवरी (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने 2015 में करीब सात करोड़ रुपये मूल्य के 200 किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थ जब्त करने के मामले में आठ पाकिस्तानी नागरिकों को बुधवार को 20 साल कारावास की सजा सुनाई।
मादक पदार्थ निषेध से संबंधी एनडीपीएस अधिनियम मामलों के विशेष न्यायाधीश शशिकांत बांगर ने आठ लोगों को मादक पदार्थ निरोधक कानून के तहत इन अपराधों का दोषी ठहराया।
एनडीपीएस अधिनियम के तहत दोषियों को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई।
अदालत ने दोषियों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
वर्ष 2015 में तटरक्षक बल ने गुजरात तट के पास 6.96 करोड़ रुपये मूल्य की 232 किलोग्राम हेरोइन ले जा रही एक नौका से आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, नौका पर 11 ड्रम थे जिनमें 20 प्लास्टिक की थैलियां थीं जिनमें गेहुंआ भूरे रंग का पाउडर था।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि हर पैकेट की सामग्री की जांच करने पर पता चला कि गेहुंआ भूरे रंग का पाउडर हेरोइन है।
आठ पाकिस्तानी नागरिकों के पास से तीन सैटेलाइट फोन, जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) नेविगेशन चार्ट तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए।
बाद में उन्हें दक्षिण मुंबई स्थित येलो गेट पुलिस को सौंप दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक सुमेश पुंजवानी ने आरोपियों के लिए अधिकतम सजा का अनुरोध करते हुए कहा कि यह अन्य मादक पदार्थ तस्करों के लिए सबक हो सकता है।
हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने नरम रुख अपनाने का अनुरोध किया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने नरम रुख अपनाने से इनकार कर दिया और आठों आरोपियों को अधिकतम सजा सुनाई।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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