जलगांव ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले 12 लोगों की पहचान हुई, मरने वालों में सात नेपाली : पुलिस |

जलगांव ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले 12 लोगों की पहचान हुई, मरने वालों में सात नेपाली : पुलिस

जलगांव ट्रेन दुर्घटना में जान गंवाने वाले 12 लोगों की पहचान हुई, मरने वालों में सात नेपाली : पुलिस

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Modified Date: January 23, 2025 / 09:20 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 9:20 pm IST

मुंबई, 23 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के जलगांव रेल दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को 12 हो गई। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि शुरू में एक सिर और धड़ जो अलग-अलग व्यक्तियों का माना जा रहा था, दरअसल एक ही व्यक्ति का निकला।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने पहले बताया था कि दुर्घटना स्थल पर पटरियों के किनारे एक महिला का क्षत विक्षत शव बरामद होने के बाद दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई।

पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति ने अंगों की पहचान करते हुए बताया कि ये हिस्से उसकी मां के हैं।

दुर्घटना उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम हुई। मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में चेन खींचने की घटना के बाद कुछ यात्री ट्रेन से नीचे उतरे थे, और वह विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए।

पुलिस ने बताया, “सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जलगांव) ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि मृतकों की कुल संख्या 12 है, क्योंकि धड़ और शरीर एक ही मृतक (महिला) के हैं, जिसकी पहचान उसके बेटे ने की है।”

अधिकारी ने बताया कि सभी शवों की पहचान कर ली गई है और उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।

रेलवे बोर्ड ने बृहस्पतिवार को बताया कि रेलवे के पांच वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने ट्रेन दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।

उन्होंने बताया कि दुर्घटना में जान गंवाने वालों में सात नेपाल के नागरिक थे।

लच्छीराम खतरू पासी उन सात लोगों में से एक थे। उनके परिवार को न केवल उनकी मौत का दुख झेलना पड़ा, बल्कि उन्हें क्षत-विक्षत शव से उनकी पहचान करने की अत्यंत दर्दनाक प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ा।

दुर्घटना में जीवित बचे पासी के साथियों ने बताया कि किस तरह वे खुद को बचाने के लिए दो ट्रेनों के बीच की तंग जगह में सिमटे रहे।

इससे पहले, चार नेपाली पीड़ितों की पहचान मुंबई के कोलाबा की निवासी कमला नवीन भंडारी (43), ठाणे के भिवंडी में रहने वालीं जवाकला भाटे (60), लच्छीराम खतरू पासी (40) और इम्तियाज अली (11) के रूप में हुई थी।

अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में यह जानकारी दी गई थी।

जलगांव में रहने वाले पासी के भतीजे रामरंग पासी ने बताया कि उनके चाचा नेपाल के बांके जिले के नारायणपुर के रहने वाले थे और उनकी उम्र 50 वर्ष के आसपास थी।

रामरंग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘उनके हाथ और पैर के कुछ हिस्से नहीं मिले हैं।’

रामरंग ने बताया कि उनके चाचा नेपाल से लखनऊ होते हुए ठाणे जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में पांच अन्य लोगों के साथ यात्रा कर रहे थे और सभी दिहाड़ी मजदूर थे।

उन्होंने बताया कि पासी को छोड़कर बाकी सभी बच गए।

रामरंग ने बताया कि उन्होंने अपने चाचा को उनके चेहरे और कपड़ों से पहचाना, लेकिन यह दृश्य इतना भयावह था कि एक पल के लिए उनके जेहन में सन्नाटा छा गया।

उन्होंने बताया कि वे अपने चाचा के पार्थिव शरीर को नेपाल में उनके पैतृक स्थान पर ले जाना चाहते हैं।

लच्छीराम के साथ यात्रा कर रहे नेपाल के एक श्रमिक शौकत अली ने भयावह घटना को याद करते हुए कहा, ‘ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैली थी। हमने बोगी के अंदर धुआं देखा। जब ट्रेन धीमी हुई तो हम जल्दी से नीचे उतर गए और ट्रेन खाली हो गई।’

उन्होंने कहा कि जैसे ही वे नीचे उतरे, कुछ ही मिनटों में विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन उनके पास आ गई।

उन्होंने बताया कि इससे पहले कि वे समझ पाते कि क्या हो रहा है, सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

अली ने कहा, ‘हमें दोनों ट्रेनों के बीच छोटी सी जगह मिली और हम एक-दूसरे को कसकर पकड़कर वहीं लेट गए, इसलिए हम बच गए।’

यह दुर्घटना बुधवार को शाम करीब 4:45 बजे पचोरा कस्बे के पास माहेजी और परधाड़े स्टेशनों के बीच हुई।

एक अधिकारी ने बताया कि मध्य रेलवे की एक टीम ने बुधवार रात अस्पतालों का दौरा किया और नौ घायल यात्रियों को कुल 2.70 लाख रुपये की अनुग्रह राशि वितरित की।

रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इस बात से इनकार किया कि कोच के अंदर किसी चिंगारी या आग लगने के कारण यात्रियों ने अलार्म चेन खींची।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि जलगांव ट्रेन दुर्घटना, पुष्पक एक्सप्रेस के अंदर एक चाय बेचने वाले द्वारा ट्रेन में आग लगने की ‘अफवाह’ का नतीजा थी। इस अफवाह के कारण लोग घबरा गए और कुछ यात्री ट्रेन से कूद गए।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती से आए दो यात्रियों ने यह आवाज सुनी और अन्य लोगों को यह गलत सूचना दी, जिससे उनके सामान्य डिब्बे और बगल के कोच में लोगों में दहशत फैल गई।

रेलवे बोर्ड ने बताया कि रेलवे के पांच वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।

बोर्ड ने बताया कि टीम में प्रधान मुख्य सुरक्षा अधिकारी (पीसीएसओ), प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त (पीसीएससी), प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर (पीसीईई), प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर (पीसीएमई) और प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (पीसीसीएम) शामिल हैं और ये सभी अधिकारी मध्य रेलवे जोन से हैं।

कुमार ने बताया कि टीम ने घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि ‘‘पीसीएसओ को संयोजक नियुक्त किया गया है।’’

कुमार ने बताया, ‘‘टीम को घटना के कारणों की जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।’’

मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) स्वप्निल धनराज नीला ने बताया, ‘‘रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बुधवार को हुए इस हादसे की प्राथमिक जांच शुरू की थी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यात्रियों ने चेन क्यों खींची और पुष्पक एक्सप्रेस से क्यों उतरे।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) भी घटना की जांच करेंगे, नीला ने बताया, ‘‘सीआरएस जांच का आदेश अभी जारी नहीं किया गया है।’’

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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