Prayagraj Mahakumbh Stampede: Stampede took place in Mahakumbh area in 1954 and 2013

Prayagraj Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में पहले भी बनी थी भगदड़ की स्थिति, नेहरू पर लगे थे साजिश के आरोप, यहां जानें कब-कब हुआ हादसा

महाकुंभ में पहले भी बनी थी भगदड़ की स्थिति, नेहरू पर लगे थे साजिश के आरोप, Prayagraj Mahakumbh Stampede: Stampede took place in Mahakumbh area in 1953 and 2013

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Modified Date: January 29, 2025 / 03:05 PM IST
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Published Date: January 29, 2025 8:53 am IST

महाकुंभ नगरः Prayagraj Mahakumbh Stampede उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी आमवस्या पर बुधवार को अमृत स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 10 लोगों की मौत की खबर है। कुछ को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा है। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। पीएम मोदी ने सीएम योगी से फोन पर बात की। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली। ये पहला मौका नहीं है जब महाकुंभ में इस तरह की स्थिति बनी है। इसमें पहले वर्ष 1954 और 2013 में भी मौनी अमावस्या के दिन ही भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत हो गई थी।

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Prayagraj Mahakumbh Stampede वर्ष 1954 के 3 फरवरी को मौनी अमावस्या था। इसको लेकर लाखों लोग संगम स्नान के लिए पहुंचे थे। इसी बीच सुबह करीब 8-9 बजे मेले में खबर फैली कि प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू आ रहे हैं। इस खबर के बाद संगम में स्नान करने आई भीड़ पंडित नेहरू को देखने के लिए उमड़ पड़ी। भीड़ उस ओर दौडी जस तरफ नागा साधु ठहरे हुए थे। भीड़ को अपनी तरफ भीड़ आती देख नागा साधुओं को लगा कि भीड़ उनपर हमले को आ रही है। इस कारण संन्यासी तलवार और त्रिशूल लेकर भीड़ पर हमला करने के लिए दौड़ पड़े। भगदड़ मच गई। जो एक बार गिरा, वो फिर उठ नहीं सका। जान बचाने के लिए लोग बिजली के खंभों से चढ़कर तारों पर लटक गए। कहा जाता है कि भगदड़ में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

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2013 में भी हुआ था ऐसा ही हादसा

गौरतलब है कि साल 2013 के दौरान जब प्रयागराज में कुंभ लगा, तब मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिन भगदड़ मची थी। हुआ यूं था कि 10 फरवरी के दिन हुए इस हादसे में प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी। इस दर्दनाक हादसे में 36 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।

 

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महाकुंभ में भगदड़ क्यों मची?

महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान अत्यधिक भीड़ और अफवाहों के कारण संगम नोज पर भगदड़ मच गई। इस दौरान कुछ महिलाएं गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए, जिससे हादसा हुआ।

1954 और 2013 में भी महाकुंभ में भगदड़ क्यों मची थी?

1954 में संगम में स्नान के दौरान प्रधानमंत्री नेहरू के आगमन की अफवाह के कारण भीड़ बेकाबू हो गई थी, जिससे भगदड़ मच गई। 2013 में भी मौनी अमावस्या के दिन रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 36 लोगों की मौत हुई थी।

प्रयागराज महाकुंभ में कितने लोगों की मौत हुई है?

29 जनवरी 2025 को हुई भगदड़ में 10 लोगों की मौत की खबर है, और कई लोग घायल हुए हैं।

महाकुंभ में अमृत स्नान क्यों रद्द किया गया? 

भगदड़ और भारी भीड़ के कारण प्रशासन ने सभी 13 अखाड़ों से अपील की कि वे मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द करें, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

क्या महाकुंभ में इस तरह के हादसे पहले भी हुए हैं? 

हां, महाकुंभ के दौरान 1954 और 2013 में भी इसी तरह की भगदड़ मचने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें भारी संख्या में लोगों की जान गई थी।
 
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