प्रयागराज: Prayagraj Mahakumbh 2025, प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान यानि मकर संक्रांति के दिन हुए स्नान में साढ़े तीन करोड़ लोगों ने स्नान किया था। लेकिन अमृत स्नान में आम लोगों को प्रवेश दे दिए जाने से अखाड़ों के स्नान का टाईम टेबिल लेट हो गया था और बड़ा उदासीन अखाड़े ने तो अव्यवस्थाओं पर खुला विरोध जताया था।
महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या को है, जिस दिन खुद सरकार 8 से 10 करोड़ लोगों के प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद जता रही है। मतलब मकर संक्रांति में आपने महाकुंभ में जो जनसैलाब देखा था उससे करीब 3 गुना ज्यादा लोग मौनी अमावस्या पर प्रयागराज पहुंचने वाले हैं। ऐसे में अखाड़ों ने सरकार से पुरानी भूलों से सबक लेकर दूसरे अमृत स्नान में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की अपेक्षा की है।
पहले अमृत स्नान में अव्यवस्थाओं पर विरोध जताने वाले श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के निर्वाण और कामाख्या पीठाधीश्वर अशितांग देव महाराज ने कहा कि उनका सरकार से मनभेद नहीं पर व्यवस्थायें सुधारने की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि अगर अमृत स्नान में अखाड़ों के साधु सन्तों के अलावा आम लोगों को भी प्रवेश दिया जाएगा तो अव्यवस्थाएं बढ़ेंगी। अव्यवस्थायों से अंततः जनता को ही परेशानी होगी और साधु संतों के प्रति उनकी श्रद्धा और सरकार के प्रति उनका विश्वास दोनों कम होगा।
कामाख्या पीठाधीश्वर ने मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का महत्व और अमोघ फल भी बताया। कामाख्या पीठाधीश्वर और बड़ा उदासीन अखाड़े के निर्वाण अशितांग देव महाराज से Exclusive बातचीत की हमारे संवाददाता विजेन्द्र पाण्डेय ने
प्रयागराज कुंभ में पहले स्नान के दौरान दिगंबर अखाड़ा की नाराजगी और व्यवस्थाओं की बात सामने आई थी इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 तारीख को मौनी अमावस्या को लेकर प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें और हर अखाड़ा के महंत और महामंडलेश्वर से मिलकर उनकी समस्याओं और व्यवस्थाओं को क्या दुरुस्त करना है उसकी जानकारी लें। इसी को लेकर जोन एडीजी भानु भास्कर और तमाम अधिकारी आज जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा आह्वाहन अखाड़ा सहित तमाम अखाड़े के महंत और महामंडलेश्वर से मुलाकात की। अग्नि अखाड़ा के महंत से मुलाकात के बाद प्रयागराज ज़ोन एडीजी भानु भास्कर से बातचीत के हमारे संवाददाता रवि हेमराज सिसोदिया ने…
Follow us on your favorite platform: