Kinnar Akhara in Mahakumbh 2025

Kinnar Akhara in Mahakumbh 2025: ‘शाही स्नान’ के लिए प्रयागराज पहुंची किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, बोलीं – ‘पहला अमृत स्नान..’

Kinnar Akhara in Mahakumbh 2025: 'शाही स्नान' के लिए प्रयागराज पहुंची किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, बोलीं - 'पहला अमृत स्नान..'

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Modified Date: January 14, 2025 / 02:15 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 1:15 pm IST

Kinnar Akhara in Mahakumbh 2025: 13 जनवरी से प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो गई है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) मंगलवार सुबह 6.15 बजे से शुरू हुआ। मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह 10 बजे तक 1 करोड़ 38 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ में शामिल होने के बाद देश ही नहीं दुनियाभर से साधू संत और नामी हस्ती लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भी संगम स्थल पर पहुंची।

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किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि, “आज हम लोग संगम तीर्थ पर हैं। महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान है और हमें बहुत खुशी है कि हम इस स्नान के भागीदार बन रहे हैं। मकर संक्रांति की सभी को बहुत शुभकामनाएं।”

#WATCH | #MahaKumbh2025 | Prayagraj: Acharya Mahamandaleshwar Laxmi Narayan Tripathi of Kinnar Akhara said, “Today we are at Sangam Teerth. This is the first Amrit Snan of Mahakumbh 2025 and we are very happy that we got to participate in the Amrit Snan. Wishing everyone a very… pic.twitter.com/ZIJdEaxvVM

— ANI (@ANI) January 14, 2025

मकर संक्रांति के अवसर पर सभी 13 अखाड़े अपने नागा संन्यासियों के साथ संगम तट पर स्नान कर रहे हैं। जूना अखाड़े के लगभग 200 महामंडलेश्वर ट्रैक्टर पर सवार होकर संगम जाएंगे। वहीं, आवाहन और अग्नि अखाड़े के लगभग 100 महामंडलेश्वर स्नान करेंगे। महानिर्वाणी अखाड़े के 60, अटल अखाड़े के 30, निरंजनी अखाड़े के 60 और आनंद अखाड़े के 30 महामंडलेश्वर अमृत स्नान में शामिल होंगे। तीन दिगंबर अखाड़ों से 200 से अधिक महामंडलेश्वर और बड़ा उदासीन से भी लगभग 100 महामंडलेश्वर, नया उदासीन से 40 और निर्मल अखाड़े से 35 महामंडलेश्वर पहले स्नान में शामिल होंगे।

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महाकुंभ में स्नान करने से पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति भक्तों को होती है। बता दें कि महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र धार्मिक आयोजन है। यह हर 12 साल में होता है और इस बार 2025 में प्रयागराज में इसका आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस आयोजन में करीब 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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महाकुंभ 2025 कब से शुरू हुआ है?

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हुई है, और पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) 15 जनवरी को सुबह 6:15 बजे से शुरू हुआ।

अमृत स्नान का क्या महत्व है?

अमृत स्नान को आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। कुंभ के दौरान संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

किन्नर अखाड़ा क्या है, और इसकी क्या भूमिका है?

किन्नर अखाड़ा संत समाज का एक विशेष हिस्सा है, जिसमें ट्रांसजेंडर समुदाय के साधु और संत शामिल होते हैं। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाकुंभ में भाग लेकर इस आयोजन को और भी विशेष बनाती हैं।

महाकुंभ में कितने श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं?

मिली जानकारी के अनुसार, पहले अमृत स्नान के दिन सुबह 10 बजे तक 1 करोड़ 38 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।

महाकुंभ में कौन-कौन सी हस्तियां पहुंच रही हैं?

देश-विदेश से साधु-संत, धार्मिक गुरु, और नामी हस्तियां महाकुंभ में भाग ले रही हैं। इनमें किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भी शामिल हैं।
 
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