Will the magic of impregnable strongholds be broken?

अभेद्य गढ़ का तिलिस्म.. 36 VS 66 की चुनौती! क्या टूट पाएगा अभेद्य गढ़ों का तिलिस्म?

अभेद्य गढ़ का तिलिस्म.. 36 VS 66 की चुनौती! क्या टूट पाएगा अभेद्य गढ़ों का तिलिस्म? Will the magic of impregnable strongholds be broken?

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Modified Date: March 25, 2023 / 10:20 PM IST
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Published Date: March 25, 2023 10:20 pm IST

भोपाल। Will the magic of impregnable strongholds be broken? मध्यप्रदेश में वापसी के लिए राजनीतिक पार्टियां जीत की रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। खासकर बीजेपी और कांग्रेस की नजर उन सीटों पर है, जहां वो आज तक नहीं जीत पायी या लगातार हार रही है..बीजेपी की 36 और कांग्रेस के 66 अभेद्य सीटों का समीकरण क्या है.. और क्या इस बार टूट पाएगा अभेद्य गढ़ों का तिलिस्म.. BJP का फॉर्मूला क्या होगा और कांग्रेस कैसे उसका क्या तोड़ निकालेगी?

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Will the magic of impregnable strongholds be broken? मध्यप्रदेश में 36 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर बीजेपी ने कभी जीत दर्ज नहीं की या फिर केवल एक बार ही जीत पाई है। ठीक इसी तरह 66 सीटों पर कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। इस बार के चुनाव में दोनों ही दल ऐसे अभेद्य गढ़ों के तिलिस्म का तोड़ना चाहती हैं। कांग्रेस इन सीटों पर सक्रिय और लोकप्रिय चेहरों का चुनाव पहले ही कर लेगी। इसके साथ ही बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देने के साथ, जातीय और स्थानीय.. तमाम मुद्दों को भी टटोला जा रहा है।

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इधर, बीजेपी ने 36 अभेद्य सीटों को आकांक्षी सीटों का नाम दिया है। इन सीटों पर बड़े नेताओं को प्रभारी बनाकर जीत की जिम्मेमदारी दी गई है। इसके साथ ही बीजेपी ने 103 ऐसी विधानसभा सीटें भी चिन्हित की हैं, जिन पर उसे 2018 के चुनाव और 2020 के उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। ऐसी सीटों पर जीत के लिए बीजेपी खास रणनीति तैयार कर रही है। इसके साथ ही 23 में महाविजय के लिए बीजेपी गुजरात और यूपी फॉर्मूले को आजमाने की तैयारी में है, तो वहीं कांग्रेस ने जिताऊ उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है। यानी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चुनावी बिसात पर मोहरों की चाल तय करने में जुट गई हैं, जो अभेद्य किलों को जीतेगा, बाजी उसी की होगी।

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