(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) भोपालः जब बात 2023 विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में माहौल बनाने की हो तो दोनों दल कोई कोर-कसर नहीं छोडना चाहते। इसलिए किसी की मीटिंग टल रही हैं तो कोई प्रत्याशी के नाम फाइनल किए बैठा है पर एलान नहीं कर रहा है। लेकिन इससे भी ज्यादा मायने ये रखता है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ ने उनको सीधा-सीधा संदेश दिया है जो अपनों के लिए टिकट मांग रहे हैं। उनके लिए BAD NEWS है यानी पीसीसी चीफ ने नेपोटिज्म को न कह दिया है। जाहिर है ये चुनाव बड़ा दिलचस्प है, क्योंकि ये एमपी के इतिहास का पहला ऐसा चुनाव होगा, जहां दोनों दलों को ये कहना पड़ा कि नेपोटिज्म अब नहीं चलेगा।
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निकाय चुनाव में अपने परिवार के लोगों के लिए टिकट मांगने वाले को कमलनाथ ने दो टूक संदेश दे दिया है कि व्यक्ति नहीं बल्कि संगठन को मजबूत करने वाला फैसला लेंगे। कांग्रेस की कोर ग्रुप की बैठक में परिवारवाद पर चिंता जाहिर करते हुए कमलनाथ ने कहा कि अगर परिवार के नेताओं को टिकट दे दिया तो फिर संगठन का क्या होगा। जाहिर है कमलनाथ शहर संग्राम के जरिए 2023 के विधानसभा चुनावों की तरफ इशारा कर रहे हैं।
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कोर ग्रुप की बैठक में कमलनाथ ने बताया कि कई लोग ऐसे हैं जो सर्वे में बुरी तरह पिछड़ गए हैं, फिर भी वो टिकट मांग रहे हैं। साथ उन विधायकों पर भी निशाना साधा जो अपनों के लिए सिफारिश लगा रहे हैं। कांग्रेस में परिवारवाद पर चल रही किचकिच के बीच बीजेपी ने फिर गांधी परिवार पर निशाना साधा है।
दरअसल कोर ग्रुप की बैठक में कांग्रेस को 11 नामों पर एकराय बनाने के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ी है। अभी भी 5 नगर निगमों रतलाम, देवास, सतना, रीवा, कटनी के प्रत्याशियों पर अब भी कांग्रेस माथापच्ची कर रही है। अब जब कमलनाथ ने चुनाव में व्यक्ति से ज्यादा संगठन को तवज्जों देने की बात कही है। तब सवाल उठता है कि इस नए फॉर्मूले के दम पर कांग्रेस सत्ता का सेमीफाइनल कहे जा रहे निकाय में कमाल करेगी।
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