भोपाल: फिल्मों का विवादों से चोली-दामन का साथ पहले से चला आ रहा है। दशकों से फिल्में किसी न किसी कारण से विवाद का शिकार होती रही हैं। ऐसा ही कुछ विवाद वेब सीरीज आश्रम-3 को लेकर शुरू हुआ है। भोपाल में आश्रम-3 के सेट पर शूटिंग के दौरान तोड़फोड़ और सियासत जारी है। फिल्म निर्देशक प्रकाश झा पर हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने के आरोप लगे हैं। विवाद के बाद बीजेपी और कांग्रेस नेता एक दूसरे को घेर रहे हैं। अब सवाल ये है कि वेब सीरीज आश्रम-3 की आग से सुलगी प्रदेश की सियासी लपटें कब और कैसे बुझेगी?
तोड़फोड़ की ये तस्वीरें भोपाल स्थित जेल परिसर की है, जब रविवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने फिल्म निर्माता प्रकाश झा और वेब सीरीज के क्रू मेंबर्स के साथ मारपीट की गई। लगभग तीन घंटे तक चले बवाल में कई क्रू मेंबर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया और प्रकाश झा पर स्याही भी फेंकी गई। ऐसा करने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आश्रम-3 वेब सीरीज के जरिये हिंदू धर्म को बदनाम किया जा रहा है, उन्होंने कंटेंट और फिल्म के नाम को लेकर आपत्ति जताई। बजरंग दल के साथ-साथ संत समाज कभी वेब सीरीज के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। संत समाज ने सोमवार को सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से मिलकर अपना विरोध जताया और वेब सीरीज का नाम बदलने की मांग की।
मामला सामने आने के बाद प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एमपी में फिल्म की शूटिंग के लिए स्वागत है, लेकिन भावनाओँ से खिलवाड़ करने पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृहमंत्री ने प्रदेश में फिल्म शूटिंग को लेकर स्थायी गाइडलाइन जारी करने की बात भी कही। दूसरी ओर भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अगर वेब सीरीज में कोई विवादित विषय होगा तो उसको प्रतिबंधित करेंगे। एक और बीजेपी प्रदेश में शूटिंग के लिए नई गाइडलाइन बनाने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर आगामी 30 अक्टूबर को 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के प्रचार के बीच वेब सीरीज आश्रम-3 के क्रू पर बजरंग दल के हमले और विवाद ने कांग्रेस को बैठे बैठाये बीजेपी और राज्य सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।
बहरहाल मध्यप्रदेश में न सिर्फ आश्रम वेब सीरीज़ को लेकर विवाद गहराया है, बल्कि एक मल्टी नेशनल कंपनी के एक प्रोडक्ट के विज्ञापन को लेकर भी विवाद भी शुरू हो गया है। आरोप लगाया जा रहा है कि कंपनी अपने मुनाफे के लिए धार्मिक त्योहारों का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है। जब बड़ी कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए अपने विज्ञापनों को विवाद में डाला हो। अब सवाल ये है कि वेब सीरीज आश्रम को लेकर जो आग भड़की है, वो कब और कैसे बुझेगी?
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