भोपाल: what is the commissioner system प्रदेश में आखिरकार पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने जा रहा है, खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये ऐलान किया। इसके पीछे तर्क दिया गया कि जनसंख्या के बढ़ते दबाव के कारण पुलिस की चुनौतियां बढ़ी हैं। पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से अपराधियों पर और बेहतर ढंग से काबू पाया जा सकेगा। हालांकि अभी केवल भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू होगा। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब एमपी में पुलिस कमिश्नर सिस्टम का जिन्न सामने आया है। इससे पहले भी कई बार ऐलान हो चुका है। अब सवाल ये है कि क्या सरकार घोषणा के बाद बैकफुट पर जाएगी? आखिर कमिश्नरी प्रणाली क्या है? और इसके लागू होने के बाद क्या-क्या बदलेगा ?
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what is the commissioner system लंबे समय के बाद आखिरकार राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में कमिश्नर सिस्टम पर मुहर लग गई। फैसला कानून व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस को कई अधिकार मिलेंगे। मसलन पुलिस को अब लाठीचार्ज और धारा-144 लागू करने के लिए कलेक्टर के आदेश का इंतजार नहीं करना होगा। धरना, प्रदर्शन की अनुमति से लेकर हथियारों के लाइसेंस देने का अधिकार मिलेगा। अपराध नियंत्रण के लिए अपराधियों के खिलाफ NSA लगाने का अधिकार भी पुलिस को मिलेगा। इसके अलावा जिला बदर की कार्रवाई भी पुलिस कर सकेगी।
वैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2008 में पहली बार इसे लागू करने की बात कही थी, लेकिन तब IAS लॉबी ने इसका विरोध किया था। इसके बाद 2009 में इदौर और भोपाल में SSP सिस्टम शुरू किया गया, वो भी ज्यादा दिन नहीं चला। दिसंबर 2012 में फिर डीआईजी सिस्टम लागू कर दिया गया। इस बीच ओडिशा, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई। सरकार के इस फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है तो वहीं कांग्रेस को सरकार के फैसले पर संशय है।
फिलहाल देश के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। इनमें 14 महानगर ऐसे हैं, जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। लेकिन 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले छह शहर जिनमें पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू नहीं है, उसमें मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, बिहार का पटना और उत्तर प्रदेश का कानपुर, लखनऊ और गाजियाबाद शामिल हैं। जबकि 34 शहर ऐसे हैं जिनकी आबादी 10 से 20 लाख के बीच है. इनमें से 26 शहर ऐसे हैं, जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। देश में 31 शहर ऐसे भी हैं जहां की आबादी 10 लाख से कम है इसके बाद भी इन शहरों में ये व्यवस्था लागू है। अब मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में ये सिस्टम लागू किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रदेश में पहले से बेहतर पुलिसिंग देखने को मिलेगी।
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