भोपाल : MP Smart City Scheme : स्मार्ट सिटी योजना के माध्यम से शहरों का समुचित विकास, आर्थिक सुधार और नागरिकों की जीवनशैली में सुधार के कार्य प्रमुख रूप से किये जा रहे हैं। योजना में पिछले एक वर्ष में सातों स्मार्ट सिटी शहरों में 1253 करोड़ 65 लाख रूपये की 21 कार्य पूरे किये जा चुके हैं। वर्तमान में 828 करोड़ के 43 कार्य प्रगति में है। प्रदेश के 7 शहरों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना शहर शामिल है।
MP Smart City Scheme : स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा ‘द सिटी इन्वेस्टमेंटस् टू इनोवेट इंटीग्रेट एण्ड सस्टेन’ (सीआईटीआईआईएस 2.0) प्रोग्राम के कम्पोनेन्ट-1 अंतर्गत राज्य के 2 स्मार्ट सिटी शहर उज्जैन एवं जबलपुर का चयन किया गया है। योजना के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कार्यों के लिये चयनित प्रत्येक शहर को 135 करोड़ रूपये के मान से अनुदान राशि प्राप्त होगी। चैंलेज कंपोनेंट-2 के अंतर्गत नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को स्वीकृति के लिये भेजा है।
केन्द्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा नर्चरिंग नेबरहुड 1.0 के अंतर्गत किये गये कार्यों के लिये जबलपुर और इंदौर स्मार्ट सिटी को सम्मानित किया जा चुका है। जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा आंगनवाड़ी, पार्कों काविकास कार्य और सिविल अस्पतालों में बच्चों के लिये वैक्सीनेशन सेंटर का निर्माण प्रमुख रूप से किया गया है। इंदौर स्मार्ट सिटी द्वारा सार्वजनिक स्थलों और ज्यादातर बस्तियों में विकास कार्य किये गये हैं। इंदौर स्मार्ट सिटी में जिज्ञासारत उमंग वाटिका और कर्मरथ आदि विकास कार्य प्रगति पर हैं।
MP Smart City Scheme : केन्द्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार इन्क्यूबेशन ऑफ न्यू सिटीज चैलेंज के अंतर्गत जबलपुर टैक्सटाइल एण्ड लॉजिस्टिक क्लस्टर एवं पीथमपुर स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप सेक्टर-7 के प्रस्ताव तैयार कर नई दिल्ली भेजे गये हैं। चयनित शहर को व्हीजीएफ के रूप में एक हजार करोड़ रूपये की राशि प्राप्त होगी।
केन्द्र सरकार की स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेटस् अंडर पार्ट-VI के अंतर्गत ‘एक जिला-एक उत्पाद’ के प्रचार-प्रसार और विक्रय के लिये उज्जैन शहर में 284 करोड़ रूपये लागत से यूनिट मॉल का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को प्रथम किश्त के रूप में 142 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है। योजना से स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन के साथ जिलों में छोटे-मझोले व्यापारियों को अपने उत्पादों के विक्रय के लिये उपर्युक्त स्थान प्राप्त होगा। यह कार्य अगस्त 2025 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
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