Reported By: Omprakash Gupta
,उमरिया।Tribal Art Rakhi: देशभर में आज रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में बाजारों में भी रौनक देखने को मिल रही है। जहां रंग-बिरंगी राखियां देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां फैंसी राखियों की बाजारों में मांग है तो वहीं दूसरी ओर ट्राइबल राखियों ने भी अपनी अलग ही पहचान बनाई है। इस अनूठी कलाकारी को देखकर पारंपरिक राखियों की भी मांग बढ़ने लगी है। जिसमें स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा यह राखी तैयार की जाती है। इन राखियों में पशु-पक्षियों से लेकर पेड़-पौधों की आकृतियां देखने को मिलेगी।
दरअसल, उमरिया जिले में ट्रायबल आर्ट की राखियों से सजी भाईयों की कलाई, क्षेत्र में रेशम के धागों में अनूठी कलाकारी देख पारंपरिक राखियों की बढ़ी पूछपरख काफी जोरों पर है। भाई बहन के पवित्र प्रेम का पर्व आते ही बाजार में राखी की दुकान सज गई है। आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले में इस बार ट्रायबल आर्ट की राखियां लोगों को खूब पसंद आ रही है। राखी में बाघ, हाथी, मोर ,चीतल व वृक्ष जैसी आकृतियां अनायास की ग्राहकों को अपनी तरफ खींच रही है।
Tribal Art Rakhi: वहीं डिमांड बढ़ने से स्व सहायता समूह की महिलाएं दिन रात एक कर त्योहारी सीजन में आमदनी के जरिए में जुटी हैं। उमरिया जिले के छोटे से बैगा बाहुल्य गांव लोढ़ा में महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से राखी बनाने का काम काफी जोरों पे हो रहा है। समूह की महिलाओं ने इस बार ट्राइबल आर्ट को रेशम के धागे में पिरोने का काम किया है बाजारों में राखियां उतारते ही बच्चों से लेकर बड़े सभी रंग-बिरंगे धागों की कलाकारी को देखकर खूब पसंद कर रहे हैं ।