भोपल: Uma Bharti Objection on Panchayat Election सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है। आरक्षण पर सुप्रीम रोक के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार जारी है। एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने का सिलसिला सा चल पड़ा है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने ट्वीट कर मामले में नया मोड़ दे दिया है। उमा भारती ने राज्य सरकार से कहा है कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव ना हो, इसके लिए शिवराज सरकार जल्द कोई समाधान निकाले। क्योंकि ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव प्रदेश की 70 फीसदी आबादी के साथ अन्याय होगा? उमा भारती के ट्वीट के बाद राज्य सरकार एक्टिव मोड में दिखी, तो विपक्ष राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
Uma Bharti Objection on Panchayat Election मध्यप्रदेश में OBC आरक्षण को लेकर सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा, सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। इस लड़ाई की शुरूआत 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के पंचायत चुनावों में OBC आरक्षण पर रोक लगाने के बाद हुआ। हालांकि सुप्रीम रोक के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया कि OBC के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर पंचायत चुनाव तय तारीखों पर ही होंगे। पंचायत चुनाव को लेकर लगातार बदलते घटनाक्रम के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के एक के बाद कई ट्वीट कर ओबीसी आरक्षण मामले को नया मोड़ दे दिया है।
उमा भारती ने लिखा कि..
”मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर लगी हुई न्यायिक रोक चिंता का विषय है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी से फोन पर बात हुई है, मैंने उनसे आग्रह किया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत का चुनाव मध्यप्रदेश की लगभग 70 फीसदी आबादी के साथ अन्याय होगा। इसलिए पंचायत चुनाव में पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने का समाधान किए बिना पंचायत चुनाव ना हो सके। इसका रास्ता मध्यप्रदेश की सरकार को निकालना ही चाहिए। मुझे शिवराज जी ने जानकारी दी है कि वो इस विषय पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं। उमा भारती के ट्वीट के फौरन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई लेवल बैठक बुलाई और ओबीसी आरक्षण पर कानून के जानकारों के साथ चर्चा की।”
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इधर कांग्रेस मामले में बीजेपी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष ने इस मामले में विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा है कि अगर पंचायतों में OBC आरक्षण के साथ चुनाव कराना चाहती है, तो कोर्ट के फैसले को स्पेशल लीव पिटीशन के जरिए सर्वोच्च अदालत में चुनौती दे। कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के वकील एक शब्द भी नहीं बोल पाए। बीजेपी की तरफ से हो रहे हमलों से नाराज़ राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजकर सियासत को और भी गरमा दिया है। फिलहाल अब सभी की निगाहें बीजेपी सरकार के अगले कदम पर हैं।
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