Mahakaal corridor: उज्जैन। महाकाल लोक संभावना से भरा कॉरिडोर है। जो धार्मिक पर्यटन का नया केन्द्र साबित होगा। महाकाल लोक से केवल उज्जैन ही नहीं बल्कि पूरे मालवा निमाड़ का विकास होगा। 150 किलोमीटर के दायर में दो ज्योतिर्लिंग के साथ ही महेश्वर और मांडू के लिए भी नई पर्यटन की योजना तैयार हो रही है। ये नया धार्मिक सर्किट बनकर उभरा है। महाकाल लोक का निर्माण केवल उज्जैन के लिए ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के सबसे बड़ी सौगात है।जिसका सबसे ज्यादा फायदा मालवा निमाड़ अंचल के विभिन्न जिलों को होगा। क्योंकि महाकाल धाम के निर्माण के साथ ही औमकारेश्वर, महेश्वर, इंदौर, देवास और उज्जैन से लेकर मंदसौर तक धार्मिक पर्यटन का नया सर्किट तैयार हो रहा है।
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Mahakaal corridor: इंदौर से 100 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा तट पर ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है तो नहीं,65 किलोमीटर की दूरी पर महाकालेश्वर। इस तरह से खरगौन में महेश्वर धार में मांडू और देवास में चामूंडा माता मंदिर, इंदौर में खजराना गणेश मंदिर, मंदसौर में पशुपति नाम मंदिर है। चुकि इंदौर से खंडवा के बीच रेलवे लाइन को ब्राड गेज किया जा रहा है। इसी तरह से दोनों ज्यौतिर्लिंग फोर लेन सड़क तैयार की जा रही है। साथ ही इंदौर में अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट आकार ले चुका है। ऐसे में महाकाल धाम के साथ ही मालवा निमाड़ के नया धार्मिक पर्यटन का केन्द्र तैयार होगा। श्रृद्धालुओं की सुविधा के लिए और भी नए कदम उठाए जा रहे है।
Mahakaal corridor: महाकाल लोक के निर्माण का उत्साह मालवा निमाड़ के सभी जिलों में है। महाकाल लोक के लोकापर्ण के लिए उत्सव की तैयारी की ही जा रही है। धर्म के जानकार भी मानते है, कि महाकाल की ख्याती वैसे से पूरी दुनिया में है। लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के साथ ही निश्चित तौर पर पूरे अंचल का विकास होगा। महाकाल लोक के निर्माण को संभावना के तौर पर ज्यादा देखा जा रहा है। क्योंकि इससे धार्मिक पर्यटन का नया क्षेत्र विकसीत होगा और प्रदेश का सबसे बड़ा केन्द्र भी ये बनने वाला है।
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