भोपाल। Employees Regularisation Latest News : मध्यप्रदेश के भोपाल जिले से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां में उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी कॉलेजों से कर्मचारियों की नियुक्ति की जानकारी मांगी है। दरअसल, नियमों की अनदेखी कर संविदा कर्मियों की जगह आउटसोर्स कर्मचारी को परमानेंट किया गया है। इसे लेकर अब आयुक्त ने जानकारी मांगी है। साथ ही बताया गया कि प्राचार्य ने 7 हजार कर्मचारियों को स्थाई किया है।
Employees Regularisation Latest News : प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में संविदा कर्मियों की जगह आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्त की गई। यह जानकारी उच्च शिक्षा विभाग ने एमपी विधानसभा के मानसून सत्र में दी। जिसके आधार पर आयुक्त ने कॉलेजों के प्राचार्यों से जानकारी मांगी है। उन्होंने दिन के अंदर प्रिंसिपलों को जानकारी देने के लिए कहा है।
ऑफिस ऑफ कमिश्नर हायर एजुकेशन डिपार्मेंट से जारी परिपत्र में लिखा है कि, मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद “संविदा/आउटसोर्स” से स्वीकृत किये गये थे। इन “संविदा/आउटसोर्स” के पदों को प्रदेश के कतिपय प्राचार्यों द्वारा बिना शासनादेश के केवल “संविदा” मान्य किया जा रहा है, भले ही इन पदों की पूर्ति “संविदा” नियम से न हुई हो। उच्च शिक्षा संचालनालय द्वारा विधान सभा या अन्य संबंध में जानकारी मंगाये जाने पर “संविदा/आउटसोर्स” के पदों को केवल “संविदा” मान्य कर जानकारी प्रेषित की जा रही है, जो कि प्राचार्यों की गंभीर प्रशासकीय त्रुटि है।
अतः उन सभी प्राचार्यो को आदेशित किया जाता है जिन्होंने “संविदा/आउटसोर्स” के पदों को केवल “संविदा” मान लिया है, वे निम्न बिन्दु अनुसार जानकारी साक्ष्य / प्रमाण सहित अराजपत्रित शाखा-3 के ई-मेल आई डी
1 संविदा/आउटसोर्स” के पदों को केवल “संविदा” मान्य किये जाने के शासनादेश। ”
2 आपके द्वारा “संविदा” हेतु मान्य किये गये पदों पर नियुक्ति के लिये किये गये अनुबंध की
प्रतियां, अनुबंध नवीनीकरण की प्रतियां।
3 आपके द्वारा मान्य “संविदा” पदों की पूर्ति हेतु समाचार पत्रों में दिये गये विज्ञापन, रोस्टर एवं नियुक्ति संबंधी अन्य शर्तों की प्रतियां।
4. मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल, दिनांक 28 सितम्बर 2017 के प्रभावशील होने के उपरान्त की गई “संविदा” नियुक्ति में उक्त राजपत्र के प्रावधान अनुसार की गई नियुक्ति के प्रमाण।
उपरोक्त वर्णित जानकारी उपलब्ध न कराने पर भी अगर प्राचार्यों के द्वारा “संविदा/आउटसोर्स” के पदों को केवल “संविदा” मान्य किये जाने की त्रुटि की जावेगी तो संबंधित प्राचार्य के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
10072024051451962 10.07.24 by Anil Shukla on Scribd