इंदौर (मध्यप्रदेश), 30 दिसंबर (भाषा) इंदौर में इस साल साइबर ठगी के कई मामलों में शहर के लोगों को करीब 60 करोड़ रुपये का चूना लगा, लेकिन पीड़ितों को इस रकम में से 12.50 करोड़ रुपये वापस दिला दिए गए। पुलिस की अपराध निरोधक शाखा के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया,‘‘इस साल हमें साइबर ठगी की 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिलीं। इन मामलों में कुल मिलाकर करीब 60 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया गया।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस ने वक्त रहते कदम उठाकर 12.50 करोड़ रुपये शिकायतकर्ताओं को वापस करा दिए और साइबर ठगी के मामलों में शामिल 52 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
दंडोतिया ने बताया कि शहर में साइबर ठगी की सबसे ज्यादा 25 प्रतिशत शिकायतें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी की मिलीं, जबकि फर्जी ‘डिजिटल अरेस्ट’ के मामलों में इजाफा दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि साइबर ठगी के पीड़ितों में कम पढ़े-लिखे लोगों के साथ ही उच्च शिक्षित पेशेवर और मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश तक शामिल हैं।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि साइबर ठगी के प्रमुख केंद्रों के रूप में देश भर के 55 स्थानों को चिन्हित किया गया है जिनमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के अलग-अलग इलाके शामिल हैं।
भाषा हर्ष नोमान
नोमान
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इस साल साइबर ठगों ने इंदौर के लोगों को 60…
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