वे आंबेडकर की जन्मस्थली को पर्यटन केंद्र समझते हैं: कांग्रेस की रैली से पहले मुख्यमंत्री यादव ने कहा |

वे आंबेडकर की जन्मस्थली को पर्यटन केंद्र समझते हैं: कांग्रेस की रैली से पहले मुख्यमंत्री यादव ने कहा

वे आंबेडकर की जन्मस्थली को पर्यटन केंद्र समझते हैं: कांग्रेस की रैली से पहले मुख्यमंत्री यादव ने कहा

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Modified Date: January 26, 2025 / 04:17 PM IST
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Published Date: January 26, 2025 4:17 pm IST

इंदौर, 26 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर की जन्मस्थली महू में कांग्रेस की ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ रैली के आयोजन को लेकर पार्टी पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि अपनी सियासी जमीन खो चुके विपक्षी दल के नेता आंबेडकर की जन्मस्थली को पर्यटन केंद्र समझकर उसका दौरा करते हैं।

कांग्रेस गणतंत्र दिवस के अगले दिन 27 जनवरी (सोमवार) को महू में ‘जय बापू-जय भीम-जय संविधान’ रैली का आयोजन करने जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित प्रदेश में होने वाली रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हिस्सा लेगा।

इंदौर में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री महू में आंबेडकर की जन्मस्थली पर बने स्मारक पर पहुंचे और संविधान निर्माता को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। उन्होंने ‘‘आंबेडकर अमर रहे’’ का नारा भी लगाया।

यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह सौभाग्य की बात है कि मुझे गणतंत्र दिवस पर आंबेडकर की जन्मस्थली आकर उन्हें प्रणाम करने का अवसर मिला। यह अलग बात है कि कुछ लोग (कांग्रेस नेता) इसे पर्यटन केंद्र समझकर यहां आते हैं।’’

उन्होंने आंबेडकर की जन्मस्थली को ‘‘तीर्थ स्थल’’ बताते हुए कहा कि तीर्थ की महत्ता तिथियों से होती है और कांग्रेस नेताओं को आंबेडकर की जन्मस्थली आना ही है, तो उन्हें आंबेडकर से जुड़ी तिथियों पर आना चाहिए।

यादव ने कांग्रेस पर संविधान और आंबेडकर का मखौल उड़ाने का आरोप लगाया और कहा,‘‘मुझे बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ लोग अपने इवेंट (कार्यक्रम) की वजह से आंबेडकर की जन्मस्थली पर आते हैं, न कि अपने कमिटमेंट (प्रतिबद्धता) की वजह से।’

उन्होंने कहा कि देश की जनता सब देख रही है और वह सबको पहचानती भी है।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा, ‘‘आंबेडकर को उनके जीवनकाल में एक पार्टी विशेष और उसके नेताओं के कारण कई कष्टों का सामना करना पड़ा था। आज इस पार्टी के नेता अपनी सियासी जमीन खोने के बाद आंबेडकर की जन्मस्थली को पर्यटन केंद्र समझकर यहां आ रहे हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि आंबेडकर ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दें।’’

यादव ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के आंबेडकर की जन्मस्थली आने पर कोई रोक नहीं है, पर वह उम्मीद करते हैं कि ये नेता संविधान निर्माता के साथ किए गए ‘अन्याय’ को याद करें और इसके लिए उनसे माफी मांगें।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वर्ष 1950 में देश के संविधान को लागू किए जाने के दौरान आंबेडकर का मत था कि अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने का कदम गलत है, क्योंकि इससे भविष्य में कई लोगों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।

यादव ने कहा, ‘‘हमने यह सब देखा कि अनुच्छेद-370 के कारण 40,000 से ज्यादा हत्याएं हुईं।’’

नरेन्द्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित कर दिया था।

भाषा

हर्ष पारुल

पारुल

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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