Cheetahs are coming in the kuno: श्योपुर। अभ्यारण में चीतों के आगमन की सुगबुगाहट के साथ हलचल बढ़ गई है। 1998 में एशियटिक लॉयन को लाने की बनी योजना चीतों के आने से शुरू होगी। चीतों को प्रायोगिक तौर पर लाया जा रहा है। कूनों,शेर लाने के लिए तैयार किया था। यहां शेर भी लाए जाएंगे। शेरों की बसाहट के लिए जिन 24 गांवों को विस्थापित भी किया गया था। अब वहां भी चीतों के आने का इंतजार हो रहा है।
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Cheetahs are coming in the kuno:श्योपुर जिले के सैसईपुरा से कूनो के टिकटोली गेट की दूरी 18 किलोमीटर है। पूरे रास्ते पर चीते के साथ छोटे आकार में पीछे की तरफ शेर के फोटो लगे हैं। इस गेट से आगे का रास्ता बारिश के कारण आम लोगों के लिए बंद हो चुका है। यहां से पालपुर होकर जखोदा तक 24 किलोमीटर में चीतों के लिए बनाए बाड़े के बाहरी और अंदरूनी किनारों पर रास्ता बनाया जा रहा है। जिससे चीतों के आने के बाद वन विभाग का अमला उन पर निगाह रखने के लिए पेट्रोलिंग कर सके।
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Cheetahs are coming in the kuno: तैयारियों को लेकर नेशनल टाइगर कंर्वेशन अथॉरिटी के आईजी कूनो अभ्यारण्य के पालपुर के वन विश्राम गृह पहुंच चुके हैं। अभयारण्य सूत्रों के मुताबिक चीतों के लाने के लिए विशेष वैन को तैयार किया गया है। ग्वालियर एयरपोर्ट से इस वैन में पिंजरों को रखकर चीते लाए जाएंगें। गौरतलब है कि आजादी के अमृत महोत्सव को मौके पर मध्य प्रदेश को चीतों का सौगात मिलने जा रही है।
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