Umang Singhar on OBC Reservation : ओबीसी को 27% आरक्षण से वंचित करने की थी साजिश.. अब बिना देरी शुरू करनी चाहिए प्रक्रिया, नेता प्रतिपक्ष का बड़ा बयान

Umang Singhar on OBC Reservation : ओबीसी को 27% आरक्षण से वंचित करने की थी साजिश.. अब बिना देरी के शुरू करनी चाहिए प्रक्रिया, नेता प्रतिपक्ष का बड़ा बयान |

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  • Publish Date - January 29, 2025 / 04:53 PM IST,
    Updated On - January 29, 2025 / 04:53 PM IST

Umang Singhar on OBC Reservation | Photo Credit : Umang Singhar X

जबलपुर। Umang Singhar on OBC Reservation : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य शासन के निर्णय को चुनाैती दी गई थी। दरअसल, प्रदेश के 26 अगस्त 2021 को तत्कालीन महाधिवक्ता के अभिमत के चलते सामान्य प्रशासन विभाग ने 2 सितंबर 2021 को एक परिपत्र जारी कर ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण की अनुमति प्रदान की थी। अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की प्रतिक्रिया सामने आई है।

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नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि हाईकोर्ट ने भाजपा सरकार के 87%-13% फॉर्मूले को खारिज कर दिया, जो ओबीसी को 27% आरक्षण से वंचित करने की साजिश थी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 69 याचिकाएं लगाकर भी अड़ंगा डालने की कोशिश की थी। अब बिना देरी के सभी भर्ती परीक्षाओं में ओबीसी को 27% आरक्षण के साथ प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए, ताकि छात्रों को उनका हक मिले।

बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2023 को अंतरिम आदेश के तहत जीएडी के उक्त परिपत्र पर रोक लगा दी थी। इसका अर्थ ये था कि सभी नियुक्तियों में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अब विधिवेत्ताओं का कहना है कि चूंकि जिस याचिका में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने पर रोक लगा दी गई थी, जो निरस्त हो गई है, इसलिए स्टे भी स्वमेव समाप्त हो गया है। इस मामले में हाईकोर्ट का विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षारत है।

यह याचिका सागर की यूथ फॉर इक्वालिटी संस्था की ओर से दायर की गई थी। याचिका में दलील दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसे में जीएडी के उक्त परिपत्र के कारण प्रदेश में आरक्षण 50 फीसदी से अधिक हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं मामले

गौरतलब है कि आशिति दुबे ने मेडिकल से जुड़े मामले में ओबीसी आरक्षण को पहली बार चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2019 को ओबीसी के लिए बढ़े हुए 13 प्रतिशत फीसदी पर रोक लगाई थी। इसी अंतरिम आदेश के तहत बाद में कई अन्य नियुक्तियों में भी रोक लगाई गई थी। यह याचिका 2 िसतंबर 2024 को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर हो गई। इसी तहर राज्य शासन ने ओबीसी आरक्षण से जुड़ी करीब 70 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करा ली हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है।

उमंग सिंघार ने OBC आरक्षण पर क्या कहा है?

उमंग सिंघार ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से OBC वर्ग को उनका हक मिलेगा। भाजपा सरकार द्वारा लाए गए 87%-13% फॉर्मूले को खारिज किया गया है, जो ओबीसी को 27% आरक्षण से वंचित करने की साजिश थी।

हाईकोर्ट का 27 प्रतिशत आरक्षण पर क्या फैसला था?

हाईकोर्ट ने OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य शासन के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे अब इस आरक्षण को लागू करने का रास्ता खुल गया है।

क्या OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर कोई रोक थी?

हां, पहले 4 अगस्त 2023 को हाईकोर्ट ने इस पर अंतरिम आदेश के तहत रोक लगा दी थी, लेकिन अब उस याचिका को खारिज कर दिया गया है और स्टे स्वमेव समाप्त हो गया है।

इस फैसले से OBC वर्ग को क्या लाभ होगा?

इस फैसले से OBC वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार मिलेगा, जिससे उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में ज्यादा अवसर मिलेंगे।

किसने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी?

यह याचिका सागर की यूथ फॉर इक्वालिटी संस्था द्वारा दायर की गई थी, जिसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन बताया गया था।