The new in-charge of Congress...who will be burdened?

Face To Face MP: कांग्रेस के नए प्रभारी..किस-किस पर पड़ेंगे भारी? कैसे होगा चुनौतियों का समाधान

Face To Face MP: कांग्रेस की यंग ब्रिगेड ने एमपी में मोर्चा संभाल लिया है। नए प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, PCC चीफ जीतू पटवारी और

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Modified Date: December 26, 2023 / 11:01 PM IST
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Published Date: December 26, 2023 11:01 pm IST

भोपाल : Face To Face MP: कांग्रेस की यंग ब्रिगेड ने एमपी में मोर्चा संभाल लिया है। नए प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, PCC चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सरीखे युवाओं को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने एमपी में नई शुरूआत करने का मैसेज दे दिया है। लेकिन प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को आज कांग्रेस जिला अध्यक्षों और प्रभारियों की पहली बैठक से ये अंदाजा हो गया होगा कांग्रेस पार्टी को मध्यप्रदेश में ट्रैक पर लाना आसान काम नहीं है।

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Face To Face MP: एमपी में कांग्रेस के नए प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह के सामने चुनौतियां ही चुनौतियां है। उन्हें प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदरी तब मिली है जब कांग्रेस की विधानसभा चुनावों में करारी हार हुई है। 150 सीट जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस 66 सीटों पर सिमट चुकी है पार्टी का मनोबल गिर चुका है और सामने भारतीय जनता पार्टी अपनी नई टीम के साथ तैयार है। आज ये बात भोपाल में कांग्रेस के संगठन की बैठक में भंवर जितेंद्र सिंह और जीतू पटवारी को समझ में आ चुकी है कि कांग्रेस पार्टी को एमपी में ट्रैक पर लाना कोई आसान काम नहीं है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओ का कहना है कि कांग्रेस को बीजेपी ने नहीं बल्कि कांग्रेस के नेताओं ने ही हराया है। जिन्हें टिकट नहीं मिला वो दोगुनी ताकत से कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में लग गए। कुछ ने ये भी कहा कि पिछले कुछ सालों में कुछ नेताओं का तानाशाही रवैया चल रहा था। हालांकि बैठक के बाद किसी भी नेता ने इस बात को स्वीकार नहीं किया।

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Face To Face MP: कांग्रेस संगठन की बैठक में पदाधिकारियों का गुस्सा निकलता रहा और कांग्रेस के नए प्रभारी जितेंद्र सिंह सब कुछ चुपचाप सुनते रहे। कुछ नेताओं ने ये भी कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का ऐलान जल्द से जल्द हो। कुल मिलाकर इस बैठक के बाद भंवर जितेंद्र सिंह को इतना तो पता चल ही गया है कि ईमानदार कार्यकर्ता, पार्टी के कामकाज से नाराज है और इसी नाराजगी को दूर करने के लिए एमपी में युवाओं को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस कितना भी फेरबदल कर ले कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

तो कुल मिलाकर भंवर जितेंद्र सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को मजबूत करना और घर बैठे रुठे हुए कार्यकर्ताओं को दोबारा मोर्चे पर लाना है। लेकिन ये कांग्रेस की यंग ब्रिगेड के लिए इतना आसान नहीं होगा वो भी तब जब 5 महीने बाद लोकसभा के चुनाव हैं।

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