10th-12th Exam Postponed Jammu-Kashmir and Ladakh/ Image Credit : IBC24 File Photo
The accused will appear for the civil service exam : इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में 64 करोड़ रुपये के ड्रेनेज घोटाले के आरोपियों में शामिल सहायक लेखा परीक्षक (ऑडिटर) को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य की सिविल सेवा परीक्षा में बैठने की मंजूरी दे दी है। उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति विनय सर्राफ ने बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद रामेश्वर परमार को राज्य सेवा परीक्षा 2024 के 23 जून (रविवार) को आयोजित प्रारंभिक दौर में शामिल होने की अनुमति दे दी।
इंदौर नगर निगम में सहायक लेखा परीक्षक के रूप में पदस्थ परमार ड्रेनेज घोटाले में गिरफ्तारी के बाद एक स्थानीय जेल में बंद है। उसने राज्य सेवा परीक्षा में बैठने के लिए उच्च न्यायालय में अस्थायी जमानत की याचिका दायर की थी। अदालत ने इस याचिका का निपटारा करते हुए जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वह आरोपी को रविवार को पुलिस हिरासत में परीक्षा केंद्र तक ले जाने और वापस जेल लाने के उचित इंतजाम करे।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) पंकज कुमार पांडे ने बताया कि परमार और इंदौर नगर निगम के अन्य ऑडिटर पर आरोप है कि उन्होंने शहर में ड्रेनेज के काम के नाम पर ठेकेदारों की ओर से पेश फर्जी बिलों की भुगतान से पहले जांच नहीं की। उन्होंने बताया, ‘‘पुलिस की अब तक की छानबीन में पता चला है कि गुजरे बरसों के दौरान शहर में ड्रेनेज लाइन बिछाने के नाम पर ठेकेदारों की 10 फर्मों ने इंदौर नगर निगम में लगभग 64 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पेश किए। इनमें से 47.53 करोड़ रुपये के बिलों का बगैर जांच-पड़ताल के भुगतान भी कर दिया गया।’’ डीसीपी ने बताया कि ड्रेनेज घोटाले में अब तक नौ ठेकेदारों और इंदौर नगर निगम के आठ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2024 के रविवार को होने वाले प्रारंभिक दौर में 1.83 लाख उम्मीदवार शामिल होंगे। यह परीक्षा कुल 110 ओहदों पर भर्ती के लिए आयोजित है जिनमें उप जिलाधिकारी (डिप्टी कलेक्टर) के 15 पद और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के 22 पद शामिल हैं।