#IBC24MINDSUMMIT: गांधी परिवार से एक परिवार जैसा संबंध था, क्या अभी भी ऐसे संबंध हैं? IBC24 के सवालों पर फंसे सुरेश पचौरी

गांधी परिवार से एक परिवार जैसा संबंध था, क्या अभी भी ऐसे संबंध हैं? Suresh Pachouri on IBC24 MIND SUMMIT: Revealed his relationship with the Gandhi family

Edited By :  
Modified Date: December 7, 2024 / 03:08 PM IST
,
Published Date: December 7, 2024 1:31 pm IST

भोपाल: Suresh Pachouri on IBC24 MIND SUMMIT मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार यानी आज को देश की दिग्गज हस्तियां मध्यप्रदेश के सरोकार से जुड़े विषयों पर अपनी राय जाहिर करने के लिए एक मंच पर आ रही हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24 ये मंच मुहैया करा रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। कार्यक्रम के दूसरे सेशन ‘दल बदला.. दिल बदले क्या? में कांग्रेस से भाजपा में आए कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट और वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने शिरकत की। दोनों नेताओं ने IBC24 के तीखे सवालों का जवाब दिया।

Read More : #IBC24MINDSUMMIT : आपने वादा किया था कि भोपाल झुग्गी मुक्त हो जाएगा, लेकिन टारगेट पूरा होते नजर नहीं आता? IBC24 के सवालों में घिरे नगर पालिका अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी 

Suresh Pachouri on IBC24 MIND SUMMIT वर्तमान में गांधी परिवार के साथ रिश्ते को लेकर सुरेश पचौरी ने कहा कि पारिवारिक रिश्ता तो पारिवारिक रिश्ता होता है। राजनैतिक रिश्ता तो राजनैतिक रिश्ता होता है। विपरीत विचारधारा की पार्टी में काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक ऐसी विचारधारा, जिसमें राष्ट्र सर्वोपरि हो। जिसमें राष्ट्र का कल्याण प्रमुख है। मैं समझता हूं कि देश हित वह विचारधारा उचित है। जिसे विचारधारा में भाजपा चल रही है, वह देश के अनुकुल है।

पांच दशक तक कांग्रेस के साथ काम करने के बाद अचानक भाजपा में आने के सवाल पर सुरेश पचौरी ने कहा कि राष्ट्रभावना से प्रेरित होकर मैं लोगों की सेवा के लिए राजनीति में आया है। मैंने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की। कांग्रेस जिस राष्ट्रीय भावना के साथ पहले काम करती थी, वह अब नहीं रही। मैंने पाया कि कांग्रेस उससे अलग होती जा रही है। मैंने 14 साल इंतजार किया कि कांग्रेस में कुछ सुधार हो, लेकिन जब धैर्य और संयम खत्म हो गई तो मैंने भाजपा ज्वाइन की। केवल राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा ही कारण नहीं था और भी अनेक कारण थे।

Read More : #IBC24MINDSUMMIT: पांच दशक तक कांग्रेस में सक्रिय रहने के बाद सुरेश पचौरी ने क्यों छोड़ दी पार्टी? IBC24 के महामंच से किया खुद किया सनसनीखेज खुलासा 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिन बातों के लिए जानी जाती थी, वह अब उससे हटती गई। कांग्रेस कभी जातिवाद को बढ़ावा देने में भरोषा नहीं करती थी। कांग्रेस समाजवादी समाज की स्थापना और एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र की स्थापना में भरोसा करती थी। पंडित नेहरू या इंदिरा जी के समय कांग्रेस का नारा हुआ करता था कि जात पर ना पात पर मुहर लगाए हाथ पर। संसद में 1990 में मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर जब डिस्कशन हुआ तो लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में राजीव गांधी जी का भाषण बड़ा स्पष्ट था कि यह देश जब जातिवाद की आग में झुलस जाएगा तो उसमें सभी का नुकसान होगा, लेकिन उसके बाद क्या होने लगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन में केवल एक समाज के और संप्रदाय के लोग नहीं थे और जब कांग्रेस ने भी यह फैसला किया था कि या तो दोनों पक्ष तैयार हो जाए या कोर्ट के फैसले पर एकमत हो जाए। तो कोर्ट के फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन था। उसमें शामिल होना था, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया।